आईवीएफ कितने दिन में होता है: पूरी प्रक्रिया और लगने वाला समय
आज कल के समय में बच्चा ना होना एक आम समस्या बन गई है या ये सब बदलते लाइफस्टाइल, धूम्रपान, शराब पीना या कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होता है। बच्चा ना होना एक प्रकार की समस्या है जिसे इंग्लिश में इनफर्टिलिटी कहा जाता है। इनफर्टिलिटी का मतलब है बांझपन या एक स्थिति जिसमें आप प्राकृतिक निषेचन के मदद से बच्चे को जन्म नहीं दे सकते। जैसे कि हमने पहले ही बताया है कि बांझपन होने के कारण हो सकते हैं, जैसे कि बढ़ती उम्र, अंडों या शुक्राणुओं की खराब गुणवत्ता, कोई चिकित्सीय समस्या, या बहुत सारे जोड़े अपनी व्यस्त जीवनशैली के कारण पितृत्व को महत्व नहीं देते तो ऐसे में वो लोग अंडा फ्रीजिंग की मदद लेते हैं। सौभाग्य से, चिकित्सा विशेषज्ञता और पेशेवरों ने आईवीएफ नामक उपचार बनाया। इस उपचार की मदद से लोग अपनी बांझपन का उपचार पा सकते हैं। आईवीएफ जो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है, इसमें अंडे को महिला के अंडाशय से निकाला जाता है और शुक्राणु को पुरुष साथी से लिया जाता है। अंडा और शुक्राणु दोनों को साथ में एक प्रयोगशाला डिश में रखा जाता है निषेचन प्रक्रिया के लिए जो भ्रूण बनाएगी।अब उस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है ताकि गर्भधारण हो सके और माता-पिता को बच्चा मिल जाए। तो हम अपने इस आर्टिकल की मदद से आज आपको बताएंगे कि आईवीएफ कितने दिन में होता है, ये होता क्या है, इसे कैसे किया जाता है और तो और इसकी लागत क्या है। हम सारी जानकारी कवर करेंगे जो आईवीएफ के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे इस गाइड की मदद से आप बिना हिचकिचाए आईवीएफ ले सकते हैं और एक अच्छे से हॉस्पिटल से और सही दाम पर। सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं… आईवीएफ क्या है? आईवीएफ, या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, आज उपलब्ध सबसे भरोसेमंद प्रजनन उपचारों में से एक है। यह विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो महीनों या सालों की कोशिशों के बावजूद स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। इस प्रक्रिया में महिला के अंडाशय से परिपक्व अंडे को निकालना, उन्हें अत्यधिक नियंत्रित प्रयोगशाला वातावरण में शुक्राणु के साथ निषेचित करना और फिर सबसे स्वस्थ भ्रूण को वापस गर्भाशय में स्थानांतरित करना शामिल है। आईवीएफ ने दुनिया भर में अनगिनत जोड़ों को माता-पिता बनने के अपने सपने को पूरा करने में मदद की है – और यह भारत में भी ऐसा ही कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत प्रजनन उपचारों के लिए एक विश्वसनीय और बढ़ते केंद्र के रूप में उभरा है। अत्याधुनिक प्रजनन क्लीनिक, कुशल डॉक्टरों और रोगी देखभाल के साथ, अधिक से अधिक जोड़े अपनी आईवीएफ यात्रा के लिए भारत को चुन रहे हैं। यहाँ के क्लीनिक उन्नत प्रजनन तकनीक, रोगी-अनुकूल सेवाएँ और एक शांतिपूर्ण, किफायती वातावरण प्रदान करते हैं और आपको इन सभी सुविधाओं को पाने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। चाहे बांझपन का कारण उम्र से संबंधित हो, PCOS या एंडोमेट्रियोसिस जैसी चिकित्सा स्थितियों के कारण हो, या फिर अस्पष्टीकृत हो, भारत में IVF केंद्र आपकी ज़रूरतों के अनुरूप व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ प्रदान करते हैं। बढ़ती सफलता दर और विश्व स्तरीय देखभाल के साथ, भारत में IVF कई परिवारों को जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने में मदद कर रहा है। आईवीएफ कितने दिन में होता है? आईवीएफ चक्र को पूरा होने में 4 से 6 सप्ताह लगते हैं। इतने समय में आईवीएफ की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जैसे परामर्श, अंडा पुनर्प्राप्ति, शुक्राणु संग्रह, निषेचन, भ्रूण स्थानांतरण और गर्भावस्था परीक्षण। आईवीएफ प्रक्रिया हर मरीज के लिए समान होती है लेकिन मरीजों का शरीर अलग होता है। तो अलग-अलग मरीज़ अलग-अलग तरीके से जवाब देते हैं। आईवीएफ प्रक्रिया के पहले से दूसरे सप्ताह में परामर्श और अंडा उत्तेजना किया जाता है। अपने बांझपन के मामले में डॉक्टर से परामर्श के बारे में बात करें। डॉक्टर मरीज को आईवीएफ के बारे में जानकारी देते हैं, उसकी लागत, और सफलता दर के बारे में जानकारी देते हैं। ये एक या दो दिन का काम होता है इसके बाद मरीज को दवा दी जाती है। कम से कम एक या दो सप्ताह के लिए। इन दवाओं की मदद से महिला के गर्भाशय में अंडे बढ़ते हैं और परिपक्व होते हैं। जब अंडे बड़े हो जाते हैं तो उन्हें एक उपकरण की मदद से महिला के गर्भाशय से निकाला जाता है अगली प्रक्रिया के लिए। जिस दिन ये अंडे निकलते हैं उसी दिन शुक्राणु को भी लिया जाता है पुरुष साथी से। ये अंडा पुनर्प्राप्ति और शुक्राणु संग्रह, तीसरे सप्ताह में किया जाता है फिर निषेचन प्रक्रिया शुरू होती है जिसमें अंडा और शुक्राणु को निषेचित किया जाता है प्रयोगशाला डिश पे। ये प्रोसेस भ्रूण देता है जिसे 4 सप्ताह में मॉनिटर किया जाता है भ्रूण कल्चर के लिए। एक अच्छे से भ्रूण को सेलेक्ट किया जाता है ताकि महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जा सके। जब भ्रूण महिला के गर्भाशय में सफलतापूर्वक स्थानांतरण हो जाएगा तब उसके 12 दिन बाद। प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाएगा. इस टेस्ट के लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत पड़ती है। अगर परिणाम सकारात्मक आया तब आप 9 माह के बाद बच्चे को घर में स्वागत कर सकते हैं, लेकिन अगर परिणाम नकारात्मक आया तो यही चक्र दोबारा शुरू होगा। आम तौर पर आईवीएफ के लिए 3 चक्र लगते हैं अच्छे परिणाम के लिए। पर बहुत से ऐसे कपल्स भी हैं जिनका फर्स्ट साइकल में ही काम बन जाता है। अगर पहली आईवीएफ साइकिल में काम नहीं बना तो ये कोई टेंशन की बात नहीं है। कपल्स को एकाधिक आईवीएफ चक्र प्रदान किये जाते हैं। ये तबतक चलता है जबतक सफलता ना मिल जाए उनको। ये पूरी प्रक्रिया सिर्फ 4 से 6 सप्ताह में होती है। एक अनुमान की बात करें तो 1 से 1/5 महीने में आईवीएफ प्रक्रिया ख़त्म हो जाती है और सकारात्मक परिणाम के साथ गर्भावस्था के महीने शुरू हो जाते हैं जिसके अंत में आप बच्चे का स्वागत करते हैं। 5 चीजें जो IVF शुरू होने से पहले करें हम आपको वो 5 चीजें बताएंगे जो आपको करने की ज़रूरत है…
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