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July 8, 2025

इंदिरा आईवीएफ में कितना खर्च आता है

आजकल बहुत से जोड़े प्रेगनेंसी में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में IVF यानी टेस्ट ट्यूब बेबी एक बेहतरीन विकल्प बन चुका है। भारत में IVF के कई सेंटर हैं, लेकिन इंदिरा IVF सेंटर ने खास पहचान बनाई है। यह देश के बड़े और भरोसेमंद IVF क्लिनिकों में से एक है। लेकिन एक बहुत ही जरूरी सवाल हर किसी के मन में आता है – “इंदिरा आईवीएफ में खर्चा?“ इस लेख में हम आपको सरल और रोज़ की बोलचाल की भाषा में बताएंगे कि इंदिरा IVF में इलाज कैसे होता है, कौन-कौन सी चीज़ों में पैसा लगता है, औसतन कितना खर्च आता है, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं… IVF क्या होता है? IVF का पूरा नाम है – In Vitro Fertilization, इसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। इसमें महिला के अंडाणु (egg) और पुरुष के शुक्राणु (sperm) को शरीर के बाहर मिलाया जाता है। फिर जो भ्रूण (embryo) बनता है, उसे महिला के गर्भाशय (uterus) में डाला जाता है। इंदिरा आईवीएफ में खर्चा। आईवीएफ कैसे किया जाता है? भारत में IVF की चरण-दर-चरण प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं: भारत में IVF के पहले चरण में परामर्श शामिल है। परामर्श में, IVF विशेषज्ञ और बांझ दंपतियों के बीच बांझपन के कारण और बांझपन को दूर करने के लिए उपयुक्त उपचार के बारे में चर्चा की जाती है। अंडाशय उत्तेजना, भारत में IVF का दूसरा चरण जिसमें महिला साथी को कई अंडे बनाने के लिए हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं। अंडे की पुनर्प्राप्ति, एक बार अंडे विकसित हो जाने के बाद इसे कैथेटर की मदद से पुनर्प्राप्त किया जाता है, यह एक ऐसा उपकरण है जो महिला के गर्भाशय से अंडे निकालने में सहायक होता है। निषेचन, इससे पहले कि अंडे और शुक्राणु एक साथ मिलकर भ्रूण उत्पन्न करें। परिणामी भ्रूण को फिर महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद, रक्त परीक्षण की मदद से गर्भावस्था परीक्षण शुरू किया जाता है। यदि गर्भावस्था की पुष्टि हो जाती है, तो दंपति एक बच्चे का स्वागत कर सकते हैं। यदि गर्भावस्था की पुष्टि नहीं होती है, तो एक और IVF प्रयास शुरू किया जाता है। IVF क्यों ज़रूरी होता है? IVF एक ऐसी आधुनिक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो उन दंपतियों के लिए वरदान साबित होती है जो लंबे समय से संतान की चाहत रखते हैं लेकिन प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रहे। यह तकनीक आज के समय में बहुत ज़रूरी हो गई है, खासकर तब जब प्रजनन संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। तो निचे दिए गए पॉइंट्स आपको बताएंगे कि आईवीएफ क्यों जरूरी होता है:  1. बांझपन (Infertility) की समस्या के कारण जब कोई महिला या पुरुष लंबे समय तक प्रयास करने के बावजूद बच्चा पैदा नहीं कर पाते, तब IVF एक विकल्प बनता है। यह उन दंपतियों के लिए सहारा होता है जिनकी उम्र ज़्यादा हो चुकी हो या हार्मोनल समस्याएं हों। 2. फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज अगर महिला की फॉलोपियन ट्यूब बंद हो या क्षतिग्रस्त हो, तो अंडाणु और शुक्राणु का प्राकृतिक मिलन नहीं हो पाता। IVF में अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर मिलाकर भ्रूण को गर्भ में स्थापित किया जाता है। 3. पुरुषों में शुक्राणु की कमी या गुणवत्ता कम होना अगर पुरुष के शुक्राणु की संख्या कम हो या वे स्वस्थ न हों, तो भी गर्भधारण संभव नहीं होता। IVF में स्वस्थ शुक्राणु को चुनकर अंडाणु से मिलाया जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। 4. एंडोमेट्रियोसिस या PCOS जैसी समस्याएं यह महिलाएं गर्भधारण में दिक्कत महसूस करती हैं। IVF उनके लिए एक असरदार उपाय साबित हो सकता है। 5. अनजान कारणों से गर्भधारण न होना (Unexplained Infertility) कभी-कभी सारे टेस्ट नार्मल आते हैं, फिर भी गर्भधारण नहीं हो पाता। ऐसे मामलों में IVF एक कारगर समाधान बन जाता है। 6. जुड़वां या अधिक बच्चों की चाहत हो कुछ दंपति IVF के ज़रिए जुड़वां या तीन बच्चों की प्लानिंग करते हैं, जो सामान्य गर्भधारण में मुश्किल होता है। 7. जिन्होंने कैंसर का इलाज करवाया हो कैंसर ट्रीटमेंट से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे मरीज IVF की मदद से माता-पिता बन सकते हैं। IVF कब करवाना चाहिए? पहली बार IVF कराने से पहले किन बातों पर ध्यान दें: पूरी जानकारी जुटाएं IVF शुरू करने से पहले आपको यह समझना ज़रूरी है कि इसकी प्रक्रिया क्या होती है, इसके कितने चरण होते हैं, समय कितना लगता है और इसके क्या फायदे-नुकसान हो सकते हैं। आप डॉक्टर से खुलकर बात करें और जितना हो सके पढ़ें या वीडियो देखें। एक अनुभवी डॉक्टर/IVF सेंटर चुनें आपके डॉक्टर की सलाह और अनुभव IVF की सफलता में बहुत अहम भूमिका निभाता है। ऐसा सेंटर चुनें जो सर्टिफाइड हो, जिनके पास अच्छे रिव्यू हों और जहां आपको भावनात्मक समर्थन भी मिले। खर्च का अनुमान लगाएं IVF की लागत ₹80,000 से ₹2 लाख या उससे ज़्यादा हो सकती है। खर्च क्लिनिक, शहर, दवाइयों और अन्य टेस्ट्स पर निर्भर करता है। पहले से बजट तय करना और EMI या बीमा की जानकारी लेना फायदेमंद होगा। मानसिक तैयारी करें IVF की प्रक्रिया थकाने वाली हो सकती है – शारीरिक रूप से भी और भावनात्मक रूप से भी। इस दौरान उतार-चढ़ाव आते हैं। इसलिए अपने पार्टनर, परिवार या किसी काउंसलर से बात करते रहना चाहिए। सेहत का ध्यान रखें IVF से पहले और उसके दौरान आपकी सेहत का सीधा असर परिणाम पर पड़ता है। स्वस्थ खानपान, एक्सरसाइज, नींद और तनाव मुक्त रहना बेहद ज़रूरी है। इंदिरा IVF सेंटर का परिचय इंदिरा IVF भारत का जाना-माना प्राइवेट IVF सेंटर है। इसकी शुरुआत राजस्थान के उदयपुर से हुई थी और अब इसके देशभर में 115+ क्लिनिक हैं। ये सेंटर आधुनिक तकनीक, अनुभवी डॉक्टर और अच्छी सुविधा के लिए जाना जाता है। इंदिरा IVF में इलाज का पूरा प्रोसेस क्या होता है? IVF का इलाज कई चरणों में होता है, जैसे: काउंसलिंग और जाँच: दवाइयों द्वारा अंडाणु बनवाना: अंडाणु और शुक्राणु निकालना: लैब में भ्रूण बनाना: भ्रूण ट्रांसफर: प्रेगनेंसी टेस्ट: इंदिरा IVF में कितना खर्च आता है? अब सबसे अहम सवाल – इंदिरा IVF…

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