आईवीएफ क्या है? जानिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन की पूरी जानकारी हिंदी में
आईवीएफ क्या है आईवीएफ एक प्रकार का इलाज है उन लोगों के लिए जो शादी के बाद गर्भधारण नहीं कर पाए। जब दंपत्ति गर्भधारण नहीं कर पाते तो क्या बांझपन की स्थिति पैदा हो जाती है। बांझपन के लिए बहुत सारा इलाज है लेकिन आईवीएफ उनमें से सबसे अच्छा है क्योंकि ये सस्ता है और साथ ही सकारात्मक परिणाम देता है। भारत में आईवीएफ हर जगह मौजुद है चाहे दिल्ली हो या कोई गांव। हर राज्य में आईवीएफ है लेकिन आईवीएफ की लागत और उसकी गुणवत्ता अलग हो सकती है। चलो एक उदाहरण से समझते हैं आपको, दिल्ली में आईवीएफ की अलग दर है और गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है लेकिन वह आईवीएफ किसी गांव के क्षेत्र या एएसआई जगह से लिया जाए जहां का प्रजनन देखभाल अच्छा नहीं है तो आपको सकारात्मक परिणाम देर से मिले या ना भी मिले। लेकिन हां, भारत में ऐसे भी सहर है जहां आईवीएफ की लागत भी कम है और उपचार की गुणवत्ता भी अच्छी है और ऐसे स्थान पर आपको अच्छा परिणाम दे सकता है। आपको बस थोरी सी मेहनत करनी यानि कि थोरी भूत रिसर्च ऐसे जगहो की। सिलीगुड़ी, असम, गोवा, पुणे, आदि। ये सब तो बाद की बात है, सबसे पहले आपको आईवीएफ के बारे में पता होना चाहिए, छोटी से छोटी चीज जान लेनी चाहिए ताकि आगे कोई दिक्कत ना हो इलाज के समय। तो आइये जानते हैं आईवीएफ के बारे में और उससे जुड़ी हर चीज़ के बारे में। सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं… आईवीएफ क्या है? जैसा कि हमने बताया आपको आईवीएफ एक बांझपन का इलाज है। बांझपन जोड़ों को होती है। जब कपल्स बच्चा नहीं कर पाते तब वो डॉक्टर से सलाह लेते हैं और डॉक्टर उन्हें आईवीएफ के लिए कहते हैं। आईवीएफ में अंडे और शुक्राणु को लिया जाता है कपल्स से फिर अंडे को निषेचित किया जाता है शुक्राणु के साथ। ये करने से भ्रूण मिलता है। फिर भ्रूण को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है ताकि गर्भावस्था हो। आईवीएफ, या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, यह विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो महीनों या सालों की कोशिशों के बावजूद स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। आईवीएफ ने दुनिया भर में अनगिनत जोड़ों को माता-पिता बनने के अपने सपने को पूरा करने में मदद की है – और यह भारत में भी ऐसा ही कर रहा है। IVF को कैसे किया जाता है? अगर आपको एक दम आसान शब्दो में समझाया जाए तो आईवीएफ एक उपचार है उन लोगों के लिए जो बच्चा नहीं कर पाते। तो एक कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। जिसमें कृत्रिम रूप से अंडे और शुक्राणु को निषेचित किया जाता है ताकि एक भ्रूण नामक चीज को लिया जा सके। भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है, डॉक्टर और टूल्स की मदद से। जब ये पूरा प्रोसेस हो जाता है तो 12 या 15 दिन के बाद ब्लड टेस्ट किया जाता है। आईवीएफ का परिणाम देखने के लिए। आएं इसे और अच्छे से समझते है, उसके लिए आपको निचे के स्टेप्स पर ध्यान देना पड़ेगा: भारत में IVF के पहले चरण में परामर्श शामिल है। परामर्श में, IVF विशेषज्ञ और बांझ दंपतियों के बीच बांझपन के कारण और बांझपन को दूर करने के लिए उपयुक्त उपचार के बारे में चर्चा की जाती है। अंडाशय उत्तेजना, भारत में IVF का दूसरा चरण जिसमें महिला साथी को कई अंडे बनाने के लिए हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं। अंडे की पुनर्प्राप्ति, एक बार अंडे विकसित हो जाने के बाद इसे कैथेटर की मदद से पुनर्प्राप्त किया जाता है, यह एक ऐसा उपकरण है जो महिला के गर्भाशय से अंडे निकालने में सहायक होता है। निषेचन, इससे पहले कि अंडे और शुक्राणु एक साथ मिलकर भ्रूण उत्पन्न करें। परिणामी भ्रूण को फिर महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद, रक्त परीक्षण की मदद से गर्भावस्था परीक्षण शुरू किया जाता है। यदि गर्भावस्था की पुष्टि हो जाती है, तो दंपति एक बच्चे का स्वागत कर सकते हैं। यदि गर्भावस्था की पुष्टि नहीं होती है, तो एक और IVF प्रयास शुरू किया जाता है। आईवीएफ क्यों किया जाता है? आईवीएफ करने का एक ही मुख्य कारण है और वो है बांझपन। जब कपल्स बांझपन का सामना करते हैं तब आईवीएफ किया जाता है। नीचे दिए गए बिंदुओं से आप अच्छे से समझ पाएँगे कि आईवीएफ क्यों किया जाता है: आईवीएफ में कितना खर्च आता है? अगर भारत की बात करें तो आईवीएफ के लिए 1.5 से 2.5 लाख लगते हैं। हा लेकिन भारत में भी कुछ ऐसे शहर या राज्य हैं जो विकसित और उन्नत हैं। ऐसे राज्यों या शहरों में आईवीएफ के लिए ज्यादा चार्ज करते हैं क्योंकि वहां आपको हर सुविधा उन्नत स्तर पर मिलेगी, उपचार, अस्पताल का बुनियादी ढांचा, उन्नत उपकरण या डॉक्टर, हर सुविधा प्रथम श्रेणी की गुणवत्ता की होगी। भारत के आईवीएफ खर्च में डॉक्टर की फीस, परामर्श शुल्क, दवाई शुल्क, अस्पताल शुल्क, आईवीएफ चक्र शुल्क की संख्या, अन्य शुल्क शामिल हैं। नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ का रेट जानने में मदद करेगी। टेबल में अलग-अलग लोकेशन है और उनकी आईवीएफ लागत दी गई है। नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ लागत के बारे में बताएगी: आईवीएफ अलग स्थान पर भारत के विभिन्न स्थानों में आईवीएफ की लागत दिल्ली में आईवीएफ लागत ₹150000 – ₹310000 मुंबई में आईवीएफ लागत ₹150000 – ₹354000 बैंगलोर में आईवीएफ लागत ₹155000 – ₹365000 उत्तर प्रदेश में आईवीएफ लागत ₹138000 – ₹310000 उत्तराखंड में आईवीएफ लागत ₹130000 – ₹310000 तेलंगाना में आईवीएफ लागत ₹147000 – ₹310000 पंजाब में आईवीएफ लागत ₹140900 – ₹310000 मध्य प्रदेश में आईवीएफ लागत ₹150000 – ₹310000 ओडिशा में आईवीएफ लागत ₹126000 – ₹310000 राजस्थान में आईवीएफ लागत ₹154000 – ₹310000 झारखंड में आईवीएफ लागत ₹142000 – ₹310000 बिहार में आईवीएफ लागत ₹130000 – ₹310000 आंध्र प्रदेश में आईवीएफ लागत ₹130000 – ₹310000 असम में आईवीएफ लागत ₹130000 – ₹310000 गुजरात में आईवीएफ लागत ₹130000 – ₹310000 भारत में IVF लागत को प्रभावित करने वाले कारक भारत में…
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