आईवीएफ कितने दिन में होता है: पूरी प्रक्रिया और लगने वाला समय

आज कल के समय में बच्चा ना होना एक आम समस्या बन गई है या ये सब बदलते लाइफस्टाइल, धूम्रपान, शराब पीना या कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होता है। बच्चा ना होना एक प्रकार की समस्या है जिसे इंग्लिश में इनफर्टिलिटी कहा जाता है। इनफर्टिलिटी का मतलब है बांझपन या एक स्थिति जिसमें आप प्राकृतिक निषेचन के मदद से बच्चे को जन्म नहीं दे सकते। जैसे कि हमने पहले ही बताया है कि बांझपन होने के कारण हो सकते हैं, जैसे कि बढ़ती उम्र, अंडों या शुक्राणुओं की खराब गुणवत्ता, कोई चिकित्सीय समस्या, या बहुत सारे जोड़े अपनी व्यस्त जीवनशैली के कारण पितृत्व को महत्व नहीं देते तो ऐसे में वो लोग अंडा फ्रीजिंग की मदद लेते हैं।

सौभाग्य से, चिकित्सा विशेषज्ञता और पेशेवरों ने आईवीएफ नामक उपचार बनाया। इस उपचार की मदद से लोग अपनी बांझपन का उपचार पा सकते हैं। आईवीएफ जो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है, इसमें अंडे को महिला के अंडाशय से निकाला जाता है और शुक्राणु को पुरुष साथी से लिया जाता है। अंडा और शुक्राणु दोनों को साथ में एक प्रयोगशाला डिश में रखा जाता है निषेचन प्रक्रिया के लिए जो भ्रूण बनाएगी।अब उस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है ताकि गर्भधारण हो सके और माता-पिता को बच्चा मिल जाए।

तो हम अपने इस आर्टिकल की मदद से आज आपको बताएंगे कि आईवीएफ कितने दिन में होता है, ये होता क्या है, इसे कैसे किया जाता है और तो और इसकी लागत क्या है। हम सारी जानकारी कवर करेंगे जो आईवीएफ के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे इस गाइड की मदद से आप बिना हिचकिचाए आईवीएफ ले सकते हैं और एक अच्छे से हॉस्पिटल से और सही दाम पर।

आईवीएफ कितने दिन में होता है: पूरी प्रक्रिया और लगने वाला समय

सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं…

  • निःशुल्क परामर्श की उपलब्धता
  • IVF के लिए आसमान छूती सफलता दर
  • IVF के लिए सस्ती लागत
  • प्रजनन उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता।
  • IUI, ICSI जैसी अन्य ART तकनीकों और अंडे और शुक्राणु को फ्रीज करने जैसी प्रक्रिया की उपलब्धता।
  • Contact us Email ID: info@selectivf.com
  • Call us: +91- 9899293903

आईवीएफ क्या है?

आईवीएफ, या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, आज उपलब्ध सबसे भरोसेमंद प्रजनन उपचारों में से एक है। यह विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो महीनों या सालों की कोशिशों के बावजूद स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं। इस प्रक्रिया में महिला के अंडाशय से परिपक्व अंडे को निकालना, उन्हें अत्यधिक नियंत्रित प्रयोगशाला वातावरण में शुक्राणु के साथ निषेचित करना और फिर सबसे स्वस्थ भ्रूण को वापस गर्भाशय में स्थानांतरित करना शामिल है। आईवीएफ ने दुनिया भर में अनगिनत जोड़ों को माता-पिता बनने के अपने सपने को पूरा करने में मदद की है – और यह भारत में भी ऐसा ही कर रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में, भारत प्रजनन उपचारों के लिए एक विश्वसनीय और बढ़ते केंद्र के रूप में उभरा है। अत्याधुनिक प्रजनन क्लीनिक, कुशल डॉक्टरों और रोगी देखभाल के साथ, अधिक से अधिक जोड़े अपनी आईवीएफ यात्रा के लिए भारत को चुन रहे हैं। यहाँ के क्लीनिक उन्नत प्रजनन तकनीक, रोगी-अनुकूल सेवाएँ और एक शांतिपूर्ण, किफायती वातावरण प्रदान करते हैं और आपको इन सभी सुविधाओं को पाने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है।

चाहे बांझपन का कारण उम्र से संबंधित हो, PCOS या एंडोमेट्रियोसिस जैसी चिकित्सा स्थितियों के कारण हो, या फिर अस्पष्टीकृत हो, भारत में IVF केंद्र आपकी ज़रूरतों के अनुरूप व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ प्रदान करते हैं। बढ़ती सफलता दर और विश्व स्तरीय देखभाल के साथ, भारत में IVF कई परिवारों को जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने में मदद कर रहा है।

आईवीएफ कितने दिन में होता है?

आईवीएफ चक्र को पूरा होने में 4 से 6 सप्ताह लगते हैं। इतने समय में आईवीएफ की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी जैसे परामर्श, अंडा पुनर्प्राप्ति, शुक्राणु संग्रह, निषेचन, भ्रूण स्थानांतरण और गर्भावस्था परीक्षण।

आईवीएफ प्रक्रिया हर मरीज के लिए समान होती है लेकिन मरीजों का शरीर अलग होता है। तो अलग-अलग मरीज़ अलग-अलग तरीके से जवाब देते हैं।

आईवीएफ प्रक्रिया के पहले से दूसरे सप्ताह में परामर्श और अंडा उत्तेजना किया जाता है। अपने बांझपन के मामले में डॉक्टर से परामर्श के बारे में बात करें। डॉक्टर मरीज को आईवीएफ के बारे में जानकारी देते हैं, उसकी लागत, और सफलता दर के बारे में जानकारी देते हैं। ये एक या दो दिन का काम होता है इसके बाद मरीज को दवा दी जाती है। कम से कम एक या दो सप्ताह के लिए। इन दवाओं की मदद से महिला के गर्भाशय में अंडे बढ़ते हैं और परिपक्व होते हैं।

जब अंडे बड़े हो जाते हैं तो उन्हें एक उपकरण की मदद से महिला के गर्भाशय से निकाला जाता है अगली प्रक्रिया के लिए। जिस दिन ये अंडे निकलते हैं उसी दिन शुक्राणु को भी लिया जाता है पुरुष साथी से।

ये अंडा पुनर्प्राप्ति और शुक्राणु संग्रह, तीसरे सप्ताह में किया जाता है फिर निषेचन प्रक्रिया शुरू होती है जिसमें अंडा और शुक्राणु को निषेचित किया जाता है प्रयोगशाला डिश पे। ये प्रोसेस भ्रूण देता है जिसे 4 सप्ताह में मॉनिटर किया जाता है भ्रूण कल्चर के लिए। एक अच्छे से भ्रूण को सेलेक्ट किया जाता है ताकि महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जा सके।

जब भ्रूण महिला के गर्भाशय में सफलतापूर्वक स्थानांतरण हो जाएगा तब उसके 12 दिन बाद। प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाएगा. इस टेस्ट के लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत पड़ती है। अगर परिणाम सकारात्मक आया तब आप 9 माह के बाद बच्चे को घर में स्वागत कर सकते हैं, लेकिन अगर परिणाम नकारात्मक आया तो यही चक्र दोबारा शुरू होगा। आम तौर पर आईवीएफ के लिए 3 चक्र लगते हैं अच्छे परिणाम के लिए। पर बहुत से ऐसे कपल्स भी हैं जिनका फर्स्ट साइकल में ही काम बन जाता है।

अगर पहली आईवीएफ साइकिल में काम नहीं बना तो ये कोई टेंशन की बात नहीं है। कपल्स को एकाधिक आईवीएफ चक्र प्रदान किये जाते हैं। ये तबतक चलता है जबतक सफलता ना मिल जाए उनको। ये पूरी प्रक्रिया सिर्फ 4 से 6 सप्ताह में होती है। एक अनुमान की बात करें तो 1 से 1/5 महीने में आईवीएफ प्रक्रिया ख़त्म हो जाती है और सकारात्मक परिणाम के साथ गर्भावस्था के महीने शुरू हो जाते हैं जिसके अंत में आप बच्चे का स्वागत करते हैं।

5 चीजें जो IVF शुरू होने से पहले करें

हम आपको वो 5 चीजें बताएंगे जो आपको करने की ज़रूरत है ivf प्रक्रिया शुरू होने से पहले। वो नीचे दी गई चीजें हैं:

  • अपना प्रारंभिक परामर्श शेड्यूल करें और अपने डॉक्टर से ज़्यादा जानकारी लें
  • अपने शरीर को सफलता का सबसे अच्छा मौका देने के लिए पोषण विशेषज्ञ से मिलें
  • फर्टिलिटी एक्यूपंक्चर का पता लगाएं, जो तनाव को कम करने और IVF परिणामों को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है
  • एक काउंसलर से मिलें जो आपको आगे की राह के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है

आईवीएफ कैसे होता है?

अगर आपको एक दम आसान शब्दो में समझाया जाए तो आईवीएफ एक उपचार है उन लोगों के लिए जो बच्चा नहीं कर पाते। तो एक कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। जिसमें कृत्रिम रूप से अंडे और शुक्राणु को निषेचित किया जाता है ताकि एक भ्रूण नामक चीज को लिया जा सके। भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है, डॉक्टर और टूल्स की मदद से। जब ये पूरा प्रोसेस हो जाता है तो 12 या 15 दिन के बाद ब्लड टेस्ट किया जाता है। आईवीएफ का परिणाम देखने के लिए।

आईवीएफ में कितना खर्च आता है?

अगर भारत की बात करें तो आईवीएफ के लिए 1.5 से 2.5 लाख लगते हैं। हा लेकिन भारत में भी कुछ ऐसे शहर या राज्य हैं जो विकसित और उन्नत हैं। ऐसे राज्यों या शहरों में आईवीएफ के लिए ज्यादा चार्ज करते हैं क्योंकि वहां आपको हर सुविधा उन्नत स्तर पर मिलेगी, उपचार, अस्पताल का बुनियादी ढांचा, उन्नत उपकरण या डॉक्टर, हर सुविधा प्रथम श्रेणी की गुणवत्ता की होगी।

भारत के आईवीएफ खर्च में डॉक्टर की फीस, परामर्श शुल्क, दवाई शुल्क, अस्पताल शुल्क, आईवीएफ चक्र शुल्क की संख्या, अन्य शुल्क शामिल हैं। नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ का रेट जानने में मदद करेगी। टेबल में अलग-अलग लोकेशन है और उनकी आईवीएफ लागत दी गई है।

आईवीएफ अलग स्थान परभारत के विभिन्न स्थानों में आईवीएफ की लागत
दिल्ली में आईवीएफ लागत150000 – 310000
मुंबई में आईवीएफ लागत150000 – 354000
बैंगलोर में आईवीएफ लागत155000 – 365000
उत्तर प्रदेश में आईवीएफ लागत138000 – 310000
उत्तराखंड में आईवीएफ लागत130000 – 310000
तेलंगाना में आईवीएफ लागत147000 – 310000
पंजाब में आईवीएफ लागत140900 – 310000
मध्य प्रदेश में आईवीएफ लागत150000 – 310000
ओडिशा में आईवीएफ लागत126000 – 310000
राजस्थान में आईवीएफ लागत154000 – 310000
झारखंड में आईवीएफ लागत142000 – 310000
बिहार में आईवीएफ लागत130000 – 310000
आंध्र प्रदेश में आईवीएफ लागत130000 – 310000
असम में आईवीएफ लागत130000 – 310000
गुजरात में आईवीएफ लागत130000 – 310000

भारत में आईवीएफ लागत को प्रभावित करने वाले खर्च

भारत में आईवीएफ की लागत 1.5 से 2.5 लाख हैं और पूरी प्रक्रिया कई खर्चों के आधार पर अलग-अलग होती है,जिसमें चिकित्सा प्रक्रिया शुल्क, रोगी की चिकित्सा स्थिति, दवा शुल्क, आईवीएफ विशेषज्ञ शुल्क और पुरुष बांझपन और आनुवंशिक मुद्दों के मामले में आईसीएसआई और पीजीडी प्रक्रियाओं जैसी अतिरिक्त सुविधाएं शामिल हैं।

फ्रोजन भ्रूण स्थानांतरण, अंडा दाता, शुक्राणु दाता और भ्रूण दाता भी भारत में आईवीएफ की लागत को प्रभावित कर सकते हैं। निम्नलिखित बिंदु आपको उन खर्चों को समझने में मदद करेंगे जो भारत में आईवीएफ की कुल लागत को प्रभावित कर सकते हैं:

चिकित्सा प्रक्रिया शुल्क: आईवीएफ चिकित्सा प्रक्रिया परामर्श से शुरू होता है और गर्भावस्था परीक्षण पर खत्म होता है। पूरी आईवीएफ प्रक्रिया एक आईवीएफ डॉक्टर की मदद से किया जाता है जो की फीस लेता है।

आईवीएफ क्लिनिक शुल्क: इनमें क्लिनिक की मान्यता, क्लिनिक द्वारा दी जाने वाली सुविधाएँ, सहायता और देखभाल, नवीनतम और उन्नत तकनीक का उपयोग आदि शामिल हैं, जो भारत में आईवीएफ की लागत को प्रभावित कर सकते हैं।

आईवीएफ सफलता दर: उच्च सफलता दर वाले आईवीएफ क्लीनिक अन्य आईवीएफ क्लीनिकों की तुलना में अधिक शुल्क लेते हैं।

आईवीएफ विशेषज्ञ या डॉक्टर: ज्ञानी, अनुभवी और मान्यता वाले विशेषज्ञ या डॉक्टर अन्य डॉक्टरों की तुलना में ज़्यादा चार्ज करते हैं।

आईवीएफ के अतिरिक्त शुल्क: इसमें अंडा दाता, शुक्राणु दाता, पीजीडी, आईसीएसआई, आईयूआई आदि के साथ आईवीएफ के शुल्क शामिल हैं। रोगी की समग्र स्थिति और मामले की जटिलता भी लागत को बढ़ा सकती है।

आईवीएफ कितना सफल है?

35 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए आईवीएफ सफलता दर लगभग 50% से 85% प्रति आईवीएफ चक्र है। बड़ी उम्र के साथ सफलता दर कम हो जाती है। जोड़ों की उम्र, विशेष रूप से महिलाओं की उम्र, आईवीएफ की सफलता प्राप्त करने के लिए आईवीएफ चक्र की संख्या, अच्छे उपकरण और शानदार तकनीकों का उपयोग शामिल है जो सफलता दर को बढ़ा सकते हैं, और आईवीएफ विशेषज्ञ के अनुभव और विशेषज्ञता जैसे चिज़ो को भी महत्व दीया जाता है, फलता दर को बढ़ाने के लिये.

निम्नलिखित टेबल आपको आईवीएफ की सफलता दर को समझने में मदद करेगी:

आईवीएफ उपचारआईवीएफ की सफलता दर
स्वयं के अंडे से आईवीएफ60 – 90%
स्वयं के शुक्राणु से आईवीएफ65 – 86%
डोनर एग आईवीएफ 70 – 85%
डोनर एम्ब्रियो आईवीएफ 73 – 87%
एफईटी आईवीएफ 60 – 65%
आईसीएसआई आईवीएफ 50 – 85%

एक अच्छे फर्टिलिटी सेंटर को कैसे चुनें आईवीएफ के लिए?

हम समझते हैं कि आपके बांझपन उपचार के लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन करना कितना कठिन हो जाता है, लेकिन चिंता न करें, क्योंकि हमारे पास एक ऐसा उपाय है जो आपकी टेंशन को दूर कर देगा। हम आपको एक ऐसे सेंटर के बारे में बताएंगे जो कम दाम पर अच्छा आईवीएफ प्रदान करता है।

एक ऐसा सेंटर जहां मरीजों को एक अच्छा डॉक्टर से इलाज मिलता है, मरीजों को हमेशा अच्छा महसूस होता है क्योंकि डॉक्टर हमेशा उनके लिए खड़े होंगे। काउंसलिंग की मदद से आपकी सारी चिंताएं दूर हो जाएंगी। हम सभी प्रकार के बांझपन का इलाज देते हैं, तो आज ही हमसे संपर्क करें! भारत में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र का चयन करते समय निम्नलिखित कारकों पर विचार करें:

  • आईवीएफ सेंटर जिसका फोकस सिर्फ मरीज की सहायता करना है
  • आईवीएफ सेंटर जिस में पढ़े-लिखे डॉक्टर हो
  • बुनियादी ढांचा जो अधिकतम आराम और खुशी के लिए अच्छी तरह से बनाया गया हो
  • आईवीएफ सेंटर जाहा स्टाफ मरीज का सम्मान करता हो
  • शुरुआत से ही पूरी प्रक्रिया में आपकी सहायता करता हो
  • आईवीएफ सेंटर जो एक्स्ट्रा चार्ज ना करे

तो आप जब भी आईवीएफ ले तो इन बत्तो का ध्यान दे। तो, हमसे +91-9899293903 पर संपर्क करें ईमेल आईडी: info@www.selectivf.com

सेलेक्ट आईवीएफ (Select IVF) क्यों चुनें?

जब बात संतान सुख की हो, तो हर दंपति यही चाहता है कि वह एक ऐसे क्लिनिक का चयन करें जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हो, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उनका साथ दे। Select IVF एक ऐसा ही नाम है जिस पर हजारों परिवारों ने विश्वास किया है और अपनी खुशियों की नई शुरुआत की है।

Select IVF वर्षों से भारत और विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली फर्टिलिटी सेवाएं दे रहा है। यहां काम करने वाली डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम केवल मेडिकल एक्सपर्ट नहीं है, बल्कि वो लोग हैं जो मरीज की भावनाओं को समझते हैं और हर कदम पर उन्हें सहयोग देते हैं। चाहे पहली बार परामर्श हो या अंतिम एम्ब्रियो ट्रांसफर, यहां हर प्रक्रिया को अत्यधिक सावधानी और ईमानदारी से पूरा किया जाता है।

यहां की सबसे बड़ी ताकत है – व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान, मतलब हर मरीज की हालत, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाज तय किया जाता है। Select IVF में किसी एक ही फॉर्मूले से सभी मरीजों का इलाज नहीं होता, बल्कि यहां इलाज को पूरी तरह पर्सनलाइज किया जाता है।

तकनीकी रूप से भी यह क्लिनिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां ICSI, IUI, Egg Donation, Embryo Freezing, PESA, TESA और Surrogacy जैसी सभी प्रमुख प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, सभी टेस्ट और स्कैनिंग सुविधाएं भी एक ही छत के नीचे मिल जाती हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं पड़ती।

Select IVF की एक और खूबी है – पारदर्शिता। यहां किसी भी तरह की छिपी हुई फीस नहीं होती। हर खर्च और हर प्रक्रिया को पहले से समझाया जाता है ताकि मरीज मानसिक रूप से तैयार हो सके। यही कारण है कि यहां आने वाले मरीज केवल भारत से ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, यूएई, अमेरिका, नाइजीरिया और अफ्रीका जैसे कई देशों से भी आते हैं।

Select IVF सिर्फ एक फर्टिलिटी क्लिनिक नहीं, बल्कि एक भरोसा है, जो हर दंपति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता है।

अंत में

आईवीएफ एक वैज्ञानिक और संवेदनशील प्रक्रिया है, जो दंपतियों को संतान सुख प्राप्त करने का अवसर देती है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 15 से 30 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है, लेकिन यह समय हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति, उम्र, हार्मोनल प्रतिक्रिया और इलाज के तरीकों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में अगर एम्ब्रियो फ्रीजिंग या अतिरिक्त टेस्टिंग की जरूरत पड़े, तो यह प्रक्रिया थोड़ा लंबा समय ले सकती है।

आईवीएफ के दौरान दवाइयों, इंजेक्शन और बार-बार की जांचों से शारीरिक और मानसिक रूप से थकान हो सकती है, लेकिन एक सकारात्मक सोच और डॉक्टर की सही देखरेख से यह सफर सफलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दंपती को इस दौरान धैर्य और उम्मीद बनाए रखनी चाहिए। हर चरण एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें उनके सपनों के और करीब लाता है। आज की उन्नत तकनीकों और अनुभवी विशेषज्ञों की मदद से आईवीएफ की सफलता दर भी लगातार बढ़ रही है।

इसलिए कहा जा सकता है कि अगर समय पर सही निर्णय लिया जाए और चिकित्सा सलाह का ईमानदारी से पालन किया जाए, तो आईवीएफ के माध्यम से माता-पिता बनने का सपना पूरी तरह संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पीरियड के कितने दिन बाद आईवीएफ किया जाता है?

आईवीएफ प्रक्रिया आमतौर पर पीरियड्स के दूसरे या तीसरे दिन से शुरू हो जाती है। आईवीएफ प्रक्रिया में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। लेकिन, ये सारी चीजें डॉक्टर पर निर्भर करता है जो अनुशंसा करता है आपके मामले को देख कर।

प्रेग्नेंट होने के लिए आईवीएफ के कितने राउंड लगते हैं?

प्रेग्नेंट होने के लिए आईवीएफ के 3 से 4 राउंड लगते हैं। आमतौर पर, जोड़े 3 राउंड में गर्भधारण कर सकते हैं लेकिन यह पूरी तरह से रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है क्योंकि कभी-कभी मरीज पहले राउंड में गर्भधारण कर लेते हैं और कभी-कभी 3 से 5 राउंड लग जाते हैं।

ट्रांसफर के कितने दिन बाद पॉजिटिव मिल सकता है?

ट्रांसफर के 12 दिन बाद पॉजिटिव मिल सकता है। क्यूकी प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। इसके लिए ब्लड टेस्ट की मदद ली जाती है। ब्लड टेस्ट से पता चलता है कि परिणाम पॉजिटिव है या निगेटिव है। 

मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा आईवीएफ सफल है?

 दो तारिको से आप पता लगा सकते हैं कि आपका आईवीएफ सफल नहीं हुआ है। पहला जोकी बहुत आसान है, अपनी ब्लडटेस्ट रिपोर्ट से जो कि किया जाता है भ्रूण स्थानांतरण के 12 दिन बाद। अगर रिपोर्ट नेगेटिव है इसका मतलब आईवीएफ सफल नहीं हुआ। दूसरा तरीका ये है कि अगर आईवीएफ के बाद आपके पीरियड्स हो जाते हैं तो आईवीएफ फेल है।

आईवीएफ के लिए सही उम्र क्या है?

आईवीएफ के लिए सही उमर महिलाओ के लिए 23 से 35 है और पुरुष के लिए 25 से 40 पर हमारी यही सलाह होगी कि आईवीएफ लेने से पहले एक अच्छे से डॉक्टर को दिखाएं वो आपको सारी जानकारी देगा आपका केस देख के।

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