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आईवीएफ, यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक चमत्कारी तकनीक है जो संतान सुख की राह को आसान बनाती है। लेकिन इसकी सफलता की गारंटी नहीं होती। कुछ लोगों के लिए यह पहली बार में सफल हो जाती है, तो कुछ के लिए यह कई प्रयासों के बाद भी सफल नहीं हो पाती।
जब IVF फेल हो जाता है, तो मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से बड़ा आघात लगता है। यह लेख इसी विषय पर केंद्रित है, जब आईवीएफ फेल हो जाए, तब क्या करें?

सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं…
- निःशुल्क परामर्श की उपलब्धता
- IVF के लिए आसमान छूती सफलता दर
- IVF के लिए सस्ती लागत
- प्रजनन उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता।
- IUI, ICSI जैसी अन्य ART तकनीकों और अंडे और शुक्राणु को फ्रीज करने जैसी प्रक्रिया की उपलब्धता।
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IVF क्या है?
IVF एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को लैब में मिलाकर भ्रूण (Embryo) बनाया जाता है। इसके बाद उस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि वह वहीं विकसित हो और गर्भधारण हो सके।
लेकिन कभी-कभी भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपण के बाद भी गर्भधारण नहीं होता और प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है – तब इसे IVF फेल होना कहा जाता है।
IVF फेल होने के कारण
IVF असफल होने के कई कारण हो सकते हैं। इन्हें समझना जरूरी है ताकि अगली बार की तैयारी बेहतर की जा सके।
1. अंडाणु की गुणवत्ता (Poor Egg Quality)
यदि महिला के अंडाणु स्वस्थ नहीं हैं तो भ्रूण बनने या विकसित होने की संभावना कम हो जाती है।
2. स्पर्म की गुणवत्ता (Poor Sperm Quality)
कम गतिशीलता, खराब शेप या DNA fragmentation के कारण भ्रूण कमजोर बन सकता है।
3. भ्रूण की गुणवत्ता (Embryo Quality)
कई बार भ्रूण बनने के बाद उसकी कोशिकाएँ सामान्य रूप से नहीं बढ़तीं, जिससे वह गर्भाशय में इंप्लांट नहीं हो पाता।
4. गर्भाशय की स्थिति (Uterine Issues)
फाइब्रॉइड्स, पॉलीप्स, पतली एंडोमेट्रियम लाइनिंग या अन्य गर्भाशय समस्याएँ भ्रूण को जगह नहीं लेने देतीं।
5. इम्यूनोलॉजिकल कारण (Immune Response)
कभी-कभी महिला का शरीर भ्रूण को बाहरी तत्व मानकर अस्वीकार कर देता है।
6. हॉर्मोनल असंतुलन
प्रोजेस्ट्रोन, एस्ट्रोजन, या थायरॉइड में गड़बड़ी भी गर्भधारण में बाधा बन सकती है।
7. एज फैक्टर (Age Factor)
35 की उम्र के बाद अंडाणु की गुणवत्ता में गिरावट आती है। 40 के बाद IVF की सफलता दर काफी घट जाती है।
IVF फेल होने के बाद क्या करें?
1. शांत रहें और खुद को समय दें
IVF का फेल होना बहुत भावनात्मक क्षति देता है, लेकिन यह अंत नहीं है। पहली बात खुद को दोष न दें। IVF में असफलता आम है, और कई लोग दूसरी या तीसरी बार में सफल होते हैं।
कुछ दिन खुद को संभालने के लिए समय दें:
- घूमने जाएँ
- योग/ध्यान करें
- भावनाएँ साझा करें
- पार्टनर से बात करें
2. अपने डॉक्टर से चर्चा करें
IVF फेल होने के बाद डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है। वह आपके केस को दोबारा देखेंगे और यह पहचानने में मदद करेंगे कि असफलता का संभावित कारण क्या हो सकता है।
डॉक्टर निम्नलिखित रिपोर्ट्स की समीक्षा कर सकते हैं:
- भ्रूण की गुणवत्ता रिपोर्ट
- हार्मोनल रिपोर्ट
- एंडोमेट्रियल थिकनेस
- इम्यूनोलॉजिकल रिपोर्ट
3. बायोकेमिकल प्रेग्नेंसी या इंप्लांटेशन फेल्योर को समझें
कई बार HCG पॉजिटिव आता है लेकिन कुछ ही दिनों में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है — इसे बायोकेमिकल प्रेग्नेंसी कहा जाता है।
यदि भ्रूण गर्भाशय में इंप्लांट नहीं हो पा रहा है, तो इसे इंप्लांटेशन फेल्योर कहते हैं। दोनों के कारणों और उपचार अलग होते हैं।
4. एडवांस टेस्ट करवाएं
यदि पहली या दूसरी IVF फेल हो जाए, तो डॉक्टर कुछ विशेष टेस्ट करवा सकते हैं:
- ERA Test (Endometrial Receptivity Array)
यह बताता है कि गर्भाशय भ्रूण ग्रहण करने के लिए तैयार है या नहीं। - PGT-A या PGT-M टेस्ट
भ्रूण में कोई जेनेटिक खराबी है या नहीं, यह जानने के लिए। - Immunological Panel
शरीर भ्रूण को अस्वीकार कर रहा है या नहीं। - Hysteroscopy
गर्भाशय के अंदर की सफाई या जांच।
5. भ्रूण फ्रीज का इस्तेमाल करें
अगर पिछले IVF साइकल में भ्रूण फ्रीज किए गए हैं, तो अगली बार बिना अंडाणु स्टिमुलेशन के भ्रूण ट्रांसफर किया जा सकता है। इसे Frozen Embryo Transfer (FET) कहते हैं और इसकी सफलता दर भी अच्छी होती है।
6. लाइफस्टाइल में सुधार करें
कई बार छोटी-छोटी चीजें IVF की सफलता में बड़ा असर डालती हैं। अपनी दिनचर्या में सुधार करें:
- धूम्रपान और शराब न पिएँ
- प्रोसेस्ड फूड से बचें
- योग और व्यायाम करें
- तनाव कम करें
7. एग या स्पर्म डोनर का विकल्प
यदि बार-बार IVF फेल हो रहा है और डॉक्टर की राय हो कि अंडाणु या स्पर्म की गुणवत्ता खराब है, तो डोनर अंडाणु या स्पर्म का विकल्प अपनाया जा सकता है।
8. सरोगेसी पर विचार करें
यदि महिला का गर्भाशय भ्रूण को स्वीकार नहीं कर रहा है या मेडिकल कारणों से गर्भधारण संभव नहीं है, तो सरोगेसी एक वैकल्पिक समाधान हो सकता है।
IVF फेल होने पर भावनात्मक समर्थन कैसे लें?
1. काउंसलिंग ले सकते हैं
मानसिक दबाव IVF फेल होने के बाद बढ़ सकता है। प्रोफेशनल काउंसलिंग से राहत मिल सकती है।
2. सपोर्ट ग्रुप्स से जुड़ें
आज कई ऑनलाइन और ऑफलाइन सपोर्ट ग्रुप्स हैं जहाँ दंपत्तियाँ अपने अनुभव साझा करते हैं।
3. पार्टनर से खुलकर बात करें
सिर्फ महिला नहीं, पुरुष भी मानसिक रूप से प्रभावित होता है। दोनों को एक-दूसरे का सहारा बनना चाहिए।
अगली बार IVF के लिए तैयारी कैसे करें?
- ERA टेस्ट के अनुसार ट्रांसफर करें
- बेहतर गुणवत्ता वाले भ्रूण चुनें
- ICSI या IMSI तकनीक आज़माएँ
- FET में ट्रांसफर करें
- प्रोजेस्ट्रोन सपोर्ट बढ़ाएँ
- सरोगेट माँ का विचार करें (यदि आवश्यक हो)
IVF फेल होने के बाद विकल्प क्या हैं?
विकल्प | विवरण |
पुनः IVF | बेहतर रणनीति के साथ अगला साइकल शुरू किया जा सकता है |
ICSI | यदि स्पर्म की गुणवत्ता खराब है |
FET | जमे हुए भ्रूण को ट्रांसफर किया जा सकता है |
डोनर एग/स्पर्म | यदि अंडाणु या स्पर्म की गुणवत्ता बहुत खराब है |
सरोगेसी | गर्भाशय की समस्या के मामले में |
एडॉप्शन | संतान पाने का आसान तरीका |
आईवीएफ को कराने में कितना खर्चा आता है ?
अगर आपको इंफर्टिलिटी है और आईवीएफ कराने का सोच रहे हो तो इसका लागत जानना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. गर आपको आईवीएफ का रेट पहले से पता होगा तो आप आर्थिक रूप से तैयार रहेंगे। इससे आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इंसान के लिए किसी भी काम को करने में आर्थिक रूप से दिक्कत आती है लेकिन अगर हम इसकी पहले से तयारी रखेंगे तो ऐसा नहीं होगा। आईवीएफ में ऐसा इलाज है जो आपको आर्थिक रूप से दिक्कत नहीं दे सकता क्योंकि आप आईवीएफ की भुगतान किश्त भी ले सकते हैं। भारत में बहुत सारे अस्पताल या केंद्र का मुआजूद है कि किश्तों में भुगतान लेते हैं जैसे की “Select IVF”.
अगर आईवीएफ खर्चे का अनुमान लगाया जाए तो भारत में 1.5 से 2.5 लाख के बीच कराया जाता है. इस खर्चे को बहुत सारी चीजें प्रभावित करती हैं जैसे दवाओं का खर्चा, डॉक्टर की फीस, आईवीएफ सेंटर का पता, उसकी सफलता दर, आईवीएफ चक्र की संख्या, आदि। ये तो आम बात है मैं आपका स्वास्थ्य और केस है. जो कि खर्चो पर प्रभाव डाल सकता है.
भारत में IVF लागत का विवरण
परामर्श शुल्क: यह बांझ दंपतियों और प्रजनन विशेषज्ञ के बीच चर्चा है। भारत में परामर्श की औसत लागत ₹500 से ₹2000 के बीच है। हालाँकि, IVF से पहले आवश्यक परामर्शों की संख्या के आधार पर लागत बढ़ सकती है।
दवा शुल्क: IVF प्रक्रिया में अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए हार्मोनल दवाओं और भ्रूण स्थानांतरण के लिए गर्भाशय को तैयार करने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। इसलिए IVF के लिए आवश्यक दवाओं और खुराक की लागत प्रति चक्र लगभग ₹15000 से ₹60000 हो सकती है।
अंडा पुनर्प्राप्ति और भ्रूण निर्माण: अंडा पुनर्प्राप्ति अंडाशय से अंडे को निकालना है, और भ्रूण निर्माण एक प्रयोगशाला डिश में अंडे और शुक्राणु का संयोजन है जिससे भ्रूण बनता है। इस चरण की लागत लगभग 50000 से 100000 रुपये है।
भ्रूण स्थानांतरण: गर्भावस्था को विकसित करने के लिए भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। तो, इस कारक के लिए, 15000 से 30000 रुपये की आवश्यकता होती है, और यह वास्तविक लागत है।
पीजीडी (प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस) और (इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन): पीजीडी और आईसीएसआई दो अतिरिक्त प्रक्रियाएं हैं जो आनुवंशिक मुद्दों और पुरुष बांझपन जैसे मामलों में फायदेमंद हैं। यह कारक 50000 से 100000 के बीच होता है।
निम्नलिखित आपको भारत में IVF की लागत को समझने में मदद करता है:
भारत में IVF उपचार के प्रकार | भारत में IVF उपचार की लागत (INR) |
भारत में स्व-अंडे और शुक्राणु के साथ IVF की लागत | INR 1,50,000 |
भारत में ICSI के साथ IVF की लागत | INR 1,65,000-1,85,000 |
भारत में डोनर अंडे के साथ IVF की लागत | INR 2,06,000-3,00,000 |
भारत में डोनर शुक्राणु के साथ IVF की लागत | INR 2,10,000 |
भारत में लेजर असिस्टेड हैचिंग (LAH) के साथ IVF की लागत | INR 2,10,000-2,20,000 |
भारत में डोनर भ्रूण के साथ IVF की लागत | INR 2,05,000-3,00,000 |
भारत में PGD तकनीक के साथ IVF की लागत | INR 3,00,000 |
नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ लागत के बारे में बताएगी:
आईवीएफ अलग स्थान पर | भारत के विभिन्न स्थानों में आईवीएफ की लागत |
दिल्ली में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
मुंबई में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹354000 |
बैंगलोर में आईवीएफ लागत | ₹155000 – ₹365000 |
उत्तर प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹138000 – ₹310000 |
उत्तराखंड में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
तेलंगाना में आईवीएफ लागत | ₹147000 – ₹310000 |
पंजाब में आईवीएफ लागत | ₹140900 – ₹310000 |
मध्य प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
ओडिशा में आईवीएफ लागत | ₹126000 – ₹310000 |
राजस्थान में आईवीएफ लागत | ₹154000 – ₹310000 |
झारखंड में आईवीएफ लागत | ₹142000 – ₹310000 |
बिहार में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
आंध्र प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
असम में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
गुजरात में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
भारत में IVF की सफलता दर
भारत में 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के लिए औसत IVF सफलता दर प्रति चक्र लगभग 50% से 65% है। बढ़ती उम्र के साथ सफलता दर कम होती जाती है। यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जोड़े की उम्र, खास तौर पर महिलाओं की, IVF की सफलता प्राप्त करने के लिए शामिल IVF प्रयासों की संख्या, उन्नत तकनीक और नवीनतम तकनीकों का उपयोग जो सफलता दर को बढ़ा सकते हैं, और प्रजनन डॉक्टरों या IVF विशेषज्ञों का अनुभव और विशेषज्ञता.
एक अच्छे फर्टिलिटी सेंटर को कैसे चुनें आईवीएफ के लिए?
हम समझते हैं कि आपके बांझपन उपचार के लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन करना कितना कठिन हो जाता है, लेकिन चिंता न करें, क्योंकि हमारे पास एक ऐसा उपाय है जो आपकी टेंशन को दूर कर देगा। हम आपको एक ऐसे सेंटर के बारे में बताएंगे जो कम दाम पर अच्छा आईवीएफ प्रदान करता है।
एक ऐसा सेंटर जहां मरीजों को एक अच्छा डॉक्टर से इलाज मिलता है, मरीजों को हमेशा अच्छा महसूस होता है क्योंकि डॉक्टर हमेशा उनके लिए खड़े होंगे। काउंसलिंग की मदद से आपकी सारी चिंताएं दूर हो जाएंगी। हम सभी प्रकार के बांझपन का इलाज देते हैं, तो आज ही हमसे संपर्क करें! भारत में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र का चयन करते समय निम्नलिखित कारकों पर विचार करें:
- आईवीएफ सेंटर जिसका फोकस सिर्फ मरीज की सहायता करना है
- आईवीएफ सेंटर जिस में पढ़े-लिखे डॉक्टर हो
- बुनियादी ढांचा जो अधिकतम आराम और खुशी के लिए अच्छी तरह से बनाया गया हो
- आईवीएफ सेंटर जाहा स्टाफ मरीज का सम्मान करता हो
- शुरुआत से ही पूरी प्रक्रिया में आपकी सहायता करता हो
- आईवीएफ सेंटर जो एक्स्ट्रा चार्ज ना करे
तो आप जब भी आईवीएफ ले तो इन बत्तो का ध्यान दे। तो, हमसे +91-9899293903 पर संपर्क करें ईमेल आईडी: [email protected]
सेलेक्ट आईवीएफ (Select IVF) क्यों चुनें?
जब बात संतान सुख की हो, तो हर दंपति यही चाहता है कि वह एक ऐसे क्लिनिक का चयन करें जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हो, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उनका साथ दे। Select IVF एक ऐसा ही नाम है जिस पर हजारों परिवारों ने विश्वास किया है और अपनी खुशियों की नई शुरुआत की है।
Select IVF वर्षों से भारत और विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली फर्टिलिटी सेवाएं दे रहा है। यहां काम करने वाली डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम केवल मेडिकल एक्सपर्ट नहीं है, बल्कि वो लोग हैं जो मरीज की भावनाओं को समझते हैं और हर कदम पर उन्हें सहयोग देते हैं। चाहे पहली बार परामर्श हो या अंतिम एम्ब्रियो ट्रांसफर, यहां हर प्रक्रिया को अत्यधिक सावधानी और ईमानदारी से पूरा किया जाता है।
यहां की सबसे बड़ी ताकत है – व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान, मतलब हर मरीज की हालत, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाज तय किया जाता है। Select IVF में किसी एक ही फॉर्मूले से सभी मरीजों का इलाज नहीं होता, बल्कि यहां इलाज को पूरी तरह पर्सनलाइज किया जाता है।
तकनीकी रूप से भी यह क्लिनिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां ICSI, IUI, Egg Donation, Embryo Freezing, PESA, TESA और Surrogacy जैसी सभी प्रमुख प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, सभी टेस्ट और स्कैनिंग सुविधाएं भी एक ही छत के नीचे मिल जाती हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं पड़ती।
Select IVF की एक और खूबी है – पारदर्शिता। यहां किसी भी तरह की छिपी हुई फीस नहीं होती। हर खर्च और हर प्रक्रिया को पहले से समझाया जाता है ताकि मरीज मानसिक रूप से तैयार हो सके। यही कारण है कि यहां आने वाले मरीज केवल भारत से ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, यूएई, अमेरिका, नाइजीरिया और अफ्रीका जैसे कई देशों से भी आते हैं।
Select IVF सिर्फ एक फर्टिलिटी क्लिनिक नहीं, बल्कि एक भरोसा है, जो हर दंपति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता है।
अंत में
IVF फेल होना एक कठिन अनुभव है — शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से। लेकिन यह आखिरी रास्ता नहीं है। दुनिया भर में लाखों कपल्स ने 2-3 IVF साइकल के बाद सफलता पाई है। ज़रूरी है सही डॉक्टर का चुनाव, धैर्य, और मेडिकल+भावनात्मक दोनों तरह की तैयारी।
अगर आप इस कठिन समय से गुजर रहे हैं, तो याद रखें — आप अकेले नहीं हैं।
सपने अधूरे रह सकते हैं, लेकिन उम्मीद कभी खत्म नहीं होती।
FAQs: सामान्य सवाल-जवाब
IVF फेल होने पर कितनी देर बाद दोबारा ट्राई कर सकते हैं?
आमतौर पर डॉक्टर 1 से 2 महीने का ब्रेक लेने की सलाह देते हैं ताकि शरीर और मन दोनों को आराम मिल सके।
IVF कितनी बार किया जा सकता है?
कोई तय सीमा नहीं है, लेकिन अधिकतर डॉक्टर 3-4 बार से ज्यादा IVF करने की सलाह नहीं देते जब तक कि परिस्थितियाँ अनुकूल न हों।
क्या IVF बार-बार फेल होने का मतलब है कि यह मुमकिन नहीं है?
नहीं, कई लोग 3 या 4 बार प्रयास के बाद सफल होते हैं। ज़रूरी है कारणों की पहचान और उनका समाधान।
क्या IVF फेल होने पर नेचुरल प्रेगनेंसी संभव है?
कभी-कभी IVF के बाद शरीर में कुछ बदलाव होते हैं जो नेचुरल कंसीव में मदद कर सकते हैं। बहुत से केस में ऐसा हो चुका है।
क्या डिप्रेशन होना सामान्य है?
हाँ, IVF फेल होने के बाद तनाव और डिप्रेशन महसूस करना सामान्य है। ऐसे में मदद लेना बहुत जरूरी होता है।