ट्यूब टेस्ट कैसे होता है
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July 9, 2025आजकल बहुत से जोड़े प्रेगनेंसी में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में IVF यानी टेस्ट ट्यूब बेबी एक बेहतरीन विकल्प बन चुका है। भारत में IVF के कई सेंटर हैं, लेकिन इंदिरा IVF सेंटर ने खास पहचान बनाई है। यह देश के बड़े और भरोसेमंद IVF क्लिनिकों में से एक है। लेकिन एक बहुत ही जरूरी सवाल हर किसी के मन में आता है – “इंदिरा आईवीएफ में खर्चा?“
इस लेख में हम आपको सरल और रोज़ की बोलचाल की भाषा में बताएंगे कि इंदिरा IVF में इलाज कैसे होता है, कौन-कौन सी चीज़ों में पैसा लगता है, औसतन कितना खर्च आता है, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं…
- निःशुल्क परामर्श की उपलब्धता
- IVF के लिए आसमान छूती सफलता दर
- IVF के लिए सस्ती लागत
- प्रजनन उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता।
- IUI, ICSI जैसी अन्य ART तकनीकों और अंडे और शुक्राणु को फ्रीज करने जैसी प्रक्रिया की उपलब्धता।
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IVF क्या होता है?
IVF का पूरा नाम है – In Vitro Fertilization, इसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है। इसमें महिला के अंडाणु (egg) और पुरुष के शुक्राणु (sperm) को शरीर के बाहर मिलाया जाता है। फिर जो भ्रूण (embryo) बनता है, उसे महिला के गर्भाशय (uterus) में डाला जाता है।
इंदिरा आईवीएफ में खर्चा। आईवीएफ कैसे किया जाता है?
भारत में IVF की चरण-दर-चरण प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
भारत में IVF के पहले चरण में परामर्श शामिल है। परामर्श में, IVF विशेषज्ञ और बांझ दंपतियों के बीच बांझपन के कारण और बांझपन को दूर करने के लिए उपयुक्त उपचार के बारे में चर्चा की जाती है।
अंडाशय उत्तेजना, भारत में IVF का दूसरा चरण जिसमें महिला साथी को कई अंडे बनाने के लिए हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं।
अंडे की पुनर्प्राप्ति, एक बार अंडे विकसित हो जाने के बाद इसे कैथेटर की मदद से पुनर्प्राप्त किया जाता है, यह एक ऐसा उपकरण है जो महिला के गर्भाशय से अंडे निकालने में सहायक होता है।
निषेचन, इससे पहले कि अंडे और शुक्राणु एक साथ मिलकर भ्रूण उत्पन्न करें। परिणामी भ्रूण को फिर महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद, रक्त परीक्षण की मदद से गर्भावस्था परीक्षण शुरू किया जाता है। यदि गर्भावस्था की पुष्टि हो जाती है, तो दंपति एक बच्चे का स्वागत कर सकते हैं। यदि गर्भावस्था की पुष्टि नहीं होती है, तो एक और IVF प्रयास शुरू किया जाता है।
IVF क्यों ज़रूरी होता है?
IVF एक ऐसी आधुनिक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो उन दंपतियों के लिए वरदान साबित होती है जो लंबे समय से संतान की चाहत रखते हैं लेकिन प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रहे। यह तकनीक आज के समय में बहुत ज़रूरी हो गई है, खासकर तब जब प्रजनन संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। तो निचे दिए गए पॉइंट्स आपको बताएंगे कि आईवीएफ क्यों जरूरी होता है:
1. बांझपन (Infertility) की समस्या के कारण
जब कोई महिला या पुरुष लंबे समय तक प्रयास करने के बावजूद बच्चा पैदा नहीं कर पाते, तब IVF एक विकल्प बनता है। यह उन दंपतियों के लिए सहारा होता है जिनकी उम्र ज़्यादा हो चुकी हो या हार्मोनल समस्याएं हों।
2. फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज
अगर महिला की फॉलोपियन ट्यूब बंद हो या क्षतिग्रस्त हो, तो अंडाणु और शुक्राणु का प्राकृतिक मिलन नहीं हो पाता। IVF में अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर मिलाकर भ्रूण को गर्भ में स्थापित किया जाता है।
3. पुरुषों में शुक्राणु की कमी या गुणवत्ता कम होना
अगर पुरुष के शुक्राणु की संख्या कम हो या वे स्वस्थ न हों, तो भी गर्भधारण संभव नहीं होता। IVF में स्वस्थ शुक्राणु को चुनकर अंडाणु से मिलाया जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
4. एंडोमेट्रियोसिस या PCOS जैसी समस्याएं
यह महिलाएं गर्भधारण में दिक्कत महसूस करती हैं। IVF उनके लिए एक असरदार उपाय साबित हो सकता है।
5. अनजान कारणों से गर्भधारण न होना (Unexplained Infertility)
कभी-कभी सारे टेस्ट नार्मल आते हैं, फिर भी गर्भधारण नहीं हो पाता। ऐसे मामलों में IVF एक कारगर समाधान बन जाता है।
6. जुड़वां या अधिक बच्चों की चाहत हो
कुछ दंपति IVF के ज़रिए जुड़वां या तीन बच्चों की प्लानिंग करते हैं, जो सामान्य गर्भधारण में मुश्किल होता है।
7. जिन्होंने कैंसर का इलाज करवाया हो
कैंसर ट्रीटमेंट से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। ऐसे मरीज IVF की मदद से माता-पिता बन सकते हैं।
IVF कब करवाना चाहिए?
- जब 1 साल तक कोशिश के बाद भी गर्भधारण न हो:- अगर महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता ठीक होने के बावजूद, 1 साल (या महिला की उम्र 35 से ऊपर हो तो 6 महीने) तक बच्चा नहीं हो रहा, तो डॉक्टर से IVF के बारे में सलाह लेनी चाहिए।
- फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज या डैमेज हो:- यदि महिला की फॉलोपियन ट्यूब बंद या खराब हो चुकी है, जिससे अंडाणु और शुक्राणु नहीं मिल पाते, तो IVF ही एकमात्र तरीका बचता है।
- पुरुषों में शुक्राणु की कमी या खराब क्वालिटी:- जब पुरुष के शुक्राणु की संख्या बहुत कम हो, या वे गतिशील न हों, तो IVF (या ICSI) की ज़रूरत पड़ती है।
- महिला को PCOS या एंडोमेट्रियोसिस हो:- इन समस्याओं में ओवुलेशन सही से नहीं होता या गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है। जब दवाइयों से भी गर्भधारण संभव न हो, तो IVF कराया जाता है।
- अनएक्सप्लेंड इन्फर्टिलिटी (बांझपन का कारण न पता चले):- कई बार सभी रिपोर्ट नार्मल आती हैं लेकिन फिर भी गर्भधारण नहीं होता। ऐसे मामलों में IVF कारगर इलाज बन सकता है।
- बार-बार गर्भपात हो चुका हो:- अगर महिला को लगातार मिसकैरेज हो रहे हों और कारण स्पष्ट न हो, तो IVF के ज़रिए स्वस्थ भ्रूण को गर्भ में ट्रांसफर किया जाता है।
- उम्र ज़्यादा हो चुकी हो (35 साल से ऊपर):- उम्र बढ़ने पर अंडाणुओं की क्वालिटी और मात्रा घट जाती है। IVF इस उम्र में जल्दी और नियंत्रित तरीके से गर्भधारण का विकल्प बन सकता है।
- कैंसर ट्रीटमेंट से पहले या बाद में:- कई महिलाएं और पुरुष कैंसर के इलाज से पहले अपने अंडाणु या शुक्राणु सुरक्षित रखवा लेते हैं। बाद में IVF के ज़रिए वे संतान पा सकते हैं।
- अगर पहले कोई बच्चा न हुआ हो और उम्र निकल रही हो:- जिन्होंने 30 के बाद शादी की हो और जल्दी बच्चा चाह रहे हों, IVF एक प्रैक्टिकल और समय बचाने वाला विकल्प है।

पहली बार IVF कराने से पहले किन बातों पर ध्यान दें:
पूरी जानकारी जुटाएं
IVF शुरू करने से पहले आपको यह समझना ज़रूरी है कि इसकी प्रक्रिया क्या होती है, इसके कितने चरण होते हैं, समय कितना लगता है और इसके क्या फायदे-नुकसान हो सकते हैं।
आप डॉक्टर से खुलकर बात करें और जितना हो सके पढ़ें या वीडियो देखें।
एक अनुभवी डॉक्टर/IVF सेंटर चुनें
आपके डॉक्टर की सलाह और अनुभव IVF की सफलता में बहुत अहम भूमिका निभाता है। ऐसा सेंटर चुनें जो सर्टिफाइड हो, जिनके पास अच्छे रिव्यू हों और जहां आपको भावनात्मक समर्थन भी मिले।
खर्च का अनुमान लगाएं
IVF की लागत ₹80,000 से ₹2 लाख या उससे ज़्यादा हो सकती है। खर्च क्लिनिक, शहर, दवाइयों और अन्य टेस्ट्स पर निर्भर करता है।
पहले से बजट तय करना और EMI या बीमा की जानकारी लेना फायदेमंद होगा।
मानसिक तैयारी करें
IVF की प्रक्रिया थकाने वाली हो सकती है – शारीरिक रूप से भी और भावनात्मक रूप से भी। इस दौरान उतार-चढ़ाव आते हैं। इसलिए अपने पार्टनर, परिवार या किसी काउंसलर से बात करते रहना चाहिए।
सेहत का ध्यान रखें
IVF से पहले और उसके दौरान आपकी सेहत का सीधा असर परिणाम पर पड़ता है। स्वस्थ खानपान, एक्सरसाइज, नींद और तनाव मुक्त रहना बेहद ज़रूरी है।
इंदिरा IVF सेंटर का परिचय
इंदिरा IVF भारत का जाना-माना प्राइवेट IVF सेंटर है। इसकी शुरुआत राजस्थान के उदयपुर से हुई थी और अब इसके देशभर में 115+ क्लिनिक हैं। ये सेंटर आधुनिक तकनीक, अनुभवी डॉक्टर और अच्छी सुविधा के लिए जाना जाता है।
इंदिरा IVF में इलाज का पूरा प्रोसेस क्या होता है?
IVF का इलाज कई चरणों में होता है, जैसे:
काउंसलिंग और जाँच:
- सबसे पहले डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और रिपोर्ट चेक करते हैं।
- कुछ टेस्ट जैसे हार्मोन टेस्ट, सोनोग्राफी, ब्लड टेस्ट कराए जाते हैं।
दवाइयों द्वारा अंडाणु बनवाना:
- महिला को कुछ हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि ज्यादा अंडाणु बन सकें।
- यह प्रक्रिया 10-12 दिन तक चलती है।
अंडाणु और शुक्राणु निकालना:
- महिला के शरीर से अंडाणु निकाले जाते हैं।
- पुरुष का सैंपल भी लिया जाता है।
लैब में भ्रूण बनाना:
- लैब में दोनों को मिलाकर भ्रूण तैयार किया जाता है।
भ्रूण ट्रांसफर:
- अच्छे भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
प्रेगनेंसी टेस्ट:
- 12-14 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कराया जाता है।
इंदिरा IVF में कितना खर्च आता है?
अब सबसे अहम सवाल – इंदिरा IVF में कुल खर्च कितना आता है? इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज की स्थिति क्या है, और कितने चक्र (cycle) लगते हैं। फिर भी हम एक औसत खर्च की जानकारी दे रहे हैं:
- IVF का बेसिक खर्च: लगभग ₹1,20,000 से ₹1,80,000 प्रति चक्र (cycle)
- दवाइयों का खर्च: ₹30,000 से ₹70,000 तक (डोज़ के हिसाब से अलग हो सकता है)
- जांच और टेस्ट: ₹10,000 से ₹30,000 तक
- फ्रीजिंग और स्टोरेज (यदि भ्रूण या अंडाणु फ्रीज़ किए जाएं): ₹20,000 से ₹40,000 सालाना
- ICSI तकनीक (यदि जरूरी हो): ₹40,000 से ₹60,000 एक्स्ट्रा
- लैप्रोस्कोपी या अन्य प्रोसीजर (यदि जरूरत हो): ₹30,000 से ₹50,000
कुल मिलाकर एक IVF साइकिल का खर्च ₹1.5 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकता है। अगर दो या तीन साइकिल लगती हैं, तो खर्च बढ़कर ₹4 से ₹6 लाख तक हो सकता है।
किन बातों से खर्च बढ़ सकता है?
- उम्र ज्यादा होने पर
- हार्मोन की दवाएं ज्यादा लगने पर
- आईसीएसआई, पीजीटी जैसे एडवांस प्रोसीजर होने पर
- भ्रूण स्टोरेज या डोनेशन की जरूरत पड़ने पर
IVF लागत का विवरण
- परामर्श शुल्क: यह बांझ दंपतियों और प्रजनन विशेषज्ञ के बीच चर्चा है। भारत में परामर्श की औसत लागत ₹500 से ₹2000 के बीच है। हालाँकि, IVF से पहले आवश्यक परामर्शों की संख्या के आधार पर लागत बढ़ सकती है।
- दवा शुल्क: IVF प्रक्रिया में अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए हार्मोनल दवाओं और भ्रूण स्थानांतरण के लिए गर्भाशय को तैयार करने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। इसलिए IVF के लिए आवश्यक दवाओं और खुराक की लागत प्रति चक्र लगभग ₹15000 से ₹60000 हो सकती है।
- अंडा पुनर्प्राप्ति और भ्रूण निर्माण: अंडा पुनर्प्राप्ति अंडाशय से अंडे को निकालना है, और भ्रूण निर्माण एक प्रयोगशाला डिश में अंडे और शुक्राणु का संयोजन है जिससे भ्रूण बनता है। इस चरण की लागत लगभग 50000 से 100000 रुपये है।
- भ्रूण स्थानांतरण: गर्भावस्था को विकसित करने के लिए भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। तो, इस कारक के लिए, 15000 से 30000 रुपये की आवश्यकता होती है, और यह वास्तविक लागत है।
- पीजीडी (प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस) और (इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन): पीजीडी और आईसीएसआई दो अतिरिक्त प्रक्रियाएं हैं जो आनुवंशिक मुद्दों और पुरुष बांझपन जैसे मामलों में फायदेमंद हैं। यह कारक 50000 से 100000 के बीच होता है।
नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ लागत के बारे में बताएगी:
आईवीएफ अलग स्थान पर | भारत के विभिन्न स्थानों में आईवीएफ की लागत |
दिल्ली में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
मुंबई में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹354000 |
बैंगलोर में आईवीएफ लागत | ₹155000 – ₹365000 |
उत्तर प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹138000 – ₹310000 |
उत्तराखंड में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
तेलंगाना में आईवीएफ लागत | ₹147000 – ₹310000 |
पंजाब में आईवीएफ लागत | ₹140900 – ₹310000 |
मध्य प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
ओडिशा में आईवीएफ लागत | ₹126000 – ₹310000 |
राजस्थान में आईवीएफ लागत | ₹154000 – ₹310000 |
झारखंड में आईवीएफ लागत | ₹142000 – ₹310000 |
बिहार में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
आंध्र प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
असम में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
गुजरात में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
क्या EMI या पैकेज की सुविधा मिलती है?
हाँ, इंदिरा IVF कुछ EMI और फाइनेंसिंग ऑप्शन देता है। कई बार सेंटर विशेष पैकेज ऑफर भी देते हैं जिसमें कुछ टेस्ट और फॉलोअप फ्री होते हैं।
पैकेज के फायदे:
- एकमुश्त रकम में सबकुछ शामिल
- बार-बार पेमेंट का झंझट नहीं
- कुछ जगहों पर मनी-बैक गारंटी भी दी जाती है (अगर प्रेगनेंसी नहीं होती)
इंदिरा IVF में इलाज कराना क्यों बेहतर है?
- अनुभवी और ट्रेंड स्टाफ
- नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
- देशभर में क्लिनिक
- उच्च सफलता दर (40-75% तक)
- महिलाओं के लिए स्पेशल केयर
IVF की सफलता दर क्या है?
भारत में 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के लिए औसत IVF सफलता दर प्रति चक्र लगभग 50% से 65% है। बढ़ती उम्र के साथ सफलता दर कम होती जाती है। यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जोड़े की उम्र, खास तौर पर महिलाओं की, IVF की सफलता प्राप्त करने के लिए शामिल IVF प्रयासों की संख्या, उन्नत तकनीक और नवीनतम तकनीकों का उपयोग जो सफलता दर को बढ़ा सकते हैं, और प्रजनन डॉक्टरों या IVF विशेषज्ञों का अनुभव और विशेषज्ञता.
सफलता कई बातों पर निर्भर करती है:
- महिला की उम्र
- हेल्थ कंडीशन
- अंडाणु और शुक्राणु की क्वालिटी
- डॉक्टर का अनुभव
औसतन इंदिरा IVF में 60% से अधिक सफलता दर पाई जाती है।
IVF की सफलता दर को प्रभावित करने वाले कारक
निम्नलिखित बिंदु आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करते हैं:
- महिला की आयु: महिला की आयु आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित कर सकती है। आईवीएफ में, बड़ी उम्र की महिलाओं की तुलना में कम उम्र की महिलाओं में गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।
- युग्मक गुणवत्ता: अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता भी आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित कर सकती है। यदि अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता खराब है तो अंडे को गर्भ धारण करना या निषेचित करना मुश्किल है। इस मामले में, अंडा दाता और शुक्राणु दाता की आवश्यकता होती है।
- आईवीएफ प्रयासों की संख्या: आईवीएफ प्रयासों की संख्या व्यक्ति दर व्यक्ति अलग-अलग होती है क्योंकि कुछ जोड़ों को गर्भधारण करने के लिए केवल एक प्रयास की आवश्यकता होती है और अन्य को गर्भधारण करने के लिए 3 से 4 प्रयास करने पड़ सकते हैं।
- अन्य कारक: इसमें डॉक्टरों की विशेषज्ञता और कर्मचारियों के कौशल, पिछली चिकित्सा स्थिति, मामले की जटिलता, रोगी के इलाज के लिए किया गया अभ्यास आदि शामिल हैं।
IVF के दौरान आने वाली भावनात्मक चुनौतियाँ
- तनाव और चिंता
- रिजल्ट को लेकर डर
- पारिवारिक दबाव
इंदिरा IVF सेंटर में काउंसलिंग की सुविधा भी मिलती है, जिससे मरीज को मानसिक रूप से भी संभाला जाता है।
IVF कराने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
- डॉक्टरी सलाह से ही इलाज शुरू करें
- सभी खर्चों की जानकारी पहले ही ले लें
- केंद्र की सफलता दर जानें
- अपने मन की बात डॉक्टर से खुलकर कहें
- धैर्य रखें, कभी-कभी 2-3 प्रयास में सफलता मिलती है
एक अच्छे फर्टिलिटी सेंटर को कैसे चुनें आईवीएफ के लिए?
हम समझते हैं कि आपके बांझपन उपचार के लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन करना कितना कठिन हो जाता है, लेकिन चिंता न करें, क्योंकि हमारे पास एक ऐसा उपाय है जो आपकी टेंशन को दूर कर देगा। हम आपको एक ऐसे सेंटर के बारे में बताएंगे जो कम दाम पर अच्छा आईवीएफ प्रदान करता है।
एक ऐसा सेंटर जहां मरीजों को एक अच्छा डॉक्टर से इलाज मिलता है, मरीजों को हमेशा अच्छा महसूस होता है क्योंकि डॉक्टर हमेशा उनके लिए खड़े होंगे। काउंसलिंग की मदद से आपकी सारी चिंताएं दूर हो जाएंगी। हम सभी प्रकार के बांझपन का इलाज देते हैं, तो आज ही हमसे संपर्क करें! भारत में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र का चयन करते समय निम्नलिखित कारकों पर विचार करें:
- आईवीएफ सेंटर जिसका फोकस सिर्फ मरीज की सहायता करना है
- आईवीएफ सेंटर जिस में पढ़े-लिखे डॉक्टर हो
- बुनियादी ढांचा जो अधिकतम आराम और खुशी के लिए अच्छी तरह से बनाया गया हो
- आईवीएफ सेंटर जाहा स्टाफ मरीज का सम्मान करता हो
- शुरुआत से ही पूरी प्रक्रिया में आपकी सहायता करता हो
- आईवीएफ सेंटर जो एक्स्ट्रा चार्ज ना करे
तो आप जब भी आईवीएफ ले तो इन बत्तो का ध्यान दे। तो, हमसे +91-9899293903 पर संपर्क करें ईमेल आईडी: [email protected]
सेलेक्ट आईवीएफ (Select IVF) क्यों चुनें?
जब बात संतान सुख की हो, तो हर दंपति यही चाहता है कि वह एक ऐसे क्लिनिक का चयन करें जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हो, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उनका साथ दे। Select IVF एक ऐसा ही नाम है जिस पर हजारों परिवारों ने विश्वास किया है और अपनी खुशियों की नई शुरुआत की है।
Select IVF वर्षों से भारत और विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली फर्टिलिटी सेवाएं दे रहा है। यहां काम करने वाली डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम केवल मेडिकल एक्सपर्ट नहीं है, बल्कि वो लोग हैं जो मरीज की भावनाओं को समझते हैं और हर कदम पर उन्हें सहयोग देते हैं। चाहे पहली बार परामर्श हो या अंतिम एम्ब्रियो ट्रांसफर, यहां हर प्रक्रिया को अत्यधिक सावधानी और ईमानदारी से पूरा किया जाता है।
यहां की सबसे बड़ी ताकत है – व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान, मतलब हर मरीज की हालत, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाज तय किया जाता है। Select IVF में किसी एक ही फॉर्मूले से सभी मरीजों का इलाज नहीं होता, बल्कि यहां इलाज को पूरी तरह पर्सनलाइज किया जाता है।
तकनीकी रूप से भी यह क्लिनिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां ICSI, IUI, Egg Donation, Embryo Freezing, PESA, TESA और Surrogacy जैसी सभी प्रमुख प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, सभी टेस्ट और स्कैनिंग सुविधाएं भी एक ही छत के नीचे मिल जाती हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं पड़ती।
Select IVF की एक और खूबी है – पारदर्शिता। यहां किसी भी तरह की छिपी हुई फीस नहीं होती। हर खर्च और हर प्रक्रिया को पहले से समझाया जाता है ताकि मरीज मानसिक रूप से तैयार हो सके। यही कारण है कि यहां आने वाले मरीज केवल भारत से ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, यूएई, अमेरिका, नाइजीरिया और अफ्रीका जैसे कई देशों से भी आते हैं।
Select IVF सिर्फ एक फर्टिलिटी क्लिनिक नहीं, बल्कि एक भरोसा है, जो हर दंपति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता है।
अंत में
इंदिरा आईवीएफ में खर्चा: IVF एक बहुत संवेदनशील लेकिन कारगर इलाज है। इंदिरा IVF में इलाज कराने का खर्च ₹1.5 लाख से ₹2.5 लाख प्रति चक्र हो सकता है। हालांकि यह खर्च व्यक्ति की मेडिकल स्थिति, उम्र और जरूरतों पर निर्भर करता है। सही जानकारी, सही योजना और सही डॉक्टर के साथ यह सपना हकीकत में बदला जा सकता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
इंदिरा IVF में पहला चेकअप फ्री है क्या?
कुछ क्लिनिक में काउंसलिंग फ्री होती है, पर टेस्ट्स चार्जेबल होते हैं।
IVF के कितने चक्र (cycle) लग सकते हैं?
यह महिला की स्थिति पर निर्भर करता है। किसी को पहले चक्र में सफलता मिलती है, किसी को 2-3 चक्र तक लग सकते हैं।
इंदिरा IVF में सरकारी सहायता मिलती है क्या?
इंदिरा IVF प्राइवेट संस्था है, लेकिन कुछ केस में सरकार की योजनाओं का फायदा लिया जा सकता है।
IVF के बाद प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है?
भ्रूण ट्रांसफर के 12 से 14 दिन बाद ब्लड टेस्ट (BHCG) से प्रेगनेंसी कन्फर्म होती है।
क्या IVF से बच्चा हेल्दी होता है?
हाँ, IVF से जन्म लेने वाले बच्चे बिल्कुल सामान्य और स्वस्थ होते हैं।
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