आईवीएफ प्रेगनेंसी क्या होती है? जानिए प्रक्रिया, फायदे और जोखिम
June 25, 2025जब कोई दंपति लंबे समय तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाता, तो डॉक्टर आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया की सलाह देते हैं। यह प्रक्रिया आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की एक अद्भुत देन है, जिसने लाखों निसंतान दंपतियों को माता-पिता बनने का सुख दिया है।
लेकिन जब किसी महिला को पहली बार यह बताया जाता है कि उसे आईवीएफ से गुजरना होगा, तो उसके मन में कई सवाल पैदा होते हैं। सबसे आम और स्वाभाविक सवाल होता है, “क्या आईवीएफ दर्दनाक होता है?”
इस लेख में हम आपको बहुत ही सरल और विस्तार से समझाएंगे कि आईवीएफ प्रक्रिया के कौन-कौन से चरण होते हैं, उनमें कितना दर्द या असहजता हो सकती है, और इससे कैसे निपटा जा सकता है।

सबसे पहले, हम आपको बताना चाहते हैं कि हम IVF और अन्य प्रजनन समाधानों के लिए क्यों अच्छे हैं…
- निःशुल्क परामर्श की उपलब्धता
- IVF के लिए आसमान छूती सफलता दर
- IVF के लिए सस्ती लागत
- प्रजनन उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता।
- IUI, ICSI जैसी अन्य ART तकनीकों और अंडे और शुक्राणु को फ्रीज करने जैसी प्रक्रिया की उपलब्धता।
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आईवीएफ के प्रमुख चरण और दर्द का स्तर
आईवीएफ की प्रक्रिया एक दिन में नहीं होती, बल्कि यह कई हफ्तों में विभाजित होती है। इसमें हार्मोनल दवाएं, अंडाणु संग्रह, भ्रूण निर्माण, भ्रूण स्थानांतरण और गर्भपरीक्षण जैसे चरण शामिल होते हैं।
आइए एक-एक चरण को समझें और जानें कि उसमें कितना दर्द होता है:
1. हार्मोनल इंजेक्शन और अंडाणु उत्पादन
इस चरण में महिला को रोज़ाना कुछ दिनों तक हार्मोनल इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि उसके अंडाशय में एक से अधिक अंडाणु बन सकें।
क्या यह दर्दनाक होता है?
इंजेक्शन हल्का सा चुभ सकता है, जैसे किसी सामान्य इंजेक्शन का होता है।
शरीर में थोड़ी सूजन, बेचैनी या मिज़ाज में बदलाव हो सकता है, लेकिन यह दर्दनाक नहीं कहा जा सकता।
कभी-कभी पेट में भारीपन या हल्की ऐंठन हो सकती है।
सुझाव: डॉक्टर की सलाह से बर्फ का सेक, आराम और सही खानपान से राहत मिलती है।
2. अंडाणु संग्रह (एग रिट्रीवल)
जब अंडाणु परिपक्व हो जाते हैं, तो डॉक्टर उन्हें एक छोटी सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा निकालते हैं। इसे एग रिट्रीवल कहा जाता है।
क्या यह दर्दनाक होता है?
नहीं, क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान महिला को बेहोशी (सिडेशन) दी जाती है।
प्रक्रिया के दौरान कोई दर्द महसूस नहीं होता।
जागने के बाद हल्की ऐंठन या हल्का ब्लीडिंग हो सकता है, जैसे पीरियड्स के पहले दिन होती है।
समय: यह प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में पूरी हो जाती है।
सुझाव: एक दिन का आराम, ढीले कपड़े पहनना और अधिक पानी पीना मदद करता है।
3. भ्रूण स्थानांतरण (एंब्रियो ट्रांसफर)
इस प्रक्रिया में सबसे अच्छे भ्रूण को महिला के गर्भाशय में एक पतली ट्यूब के माध्यम से डाला जाता है।
क्या यह दर्दनाक होता है?
नहीं। यह पूरी तरह दर्द रहित और आसान प्रक्रिया होती है।
यह उतना ही सरल होता है जितना एक सोनोग्राफी या पैप स्मीयर टेस्ट।
समय: केवल 5 से 10 मिनट लगते हैं।
सुझाव: प्रक्रिया के बाद कुछ घंटे आराम करें, लेकिन बिस्तर पर पड़े रहना ज़रूरी नहीं।
4. गर्भधारण की पुष्टि
भ्रूण ट्रांसफर के 12 से 14 दिन बाद रक्त की जांच (बीटा HCG टेस्ट) से पता चलता है कि महिला गर्भवती हुई है या नहीं।
क्या इसमें दर्द होता है?
नहीं, यह सिर्फ एक खून की सुई होती है। सामान्य ब्लड टेस्ट जैसा।
आईवीएफ से जुड़ी अन्य असहजताएं
आईवीएफ में गंभीर दर्द नहीं होता, लेकिन कुछ महिलाएं निम्नलिखित अनुभव कर सकती हैं:
पेट में भारीपन या सूजन: हार्मोनल दवाओं की वजह से ओवरीज फूल सकती हैं। इससे हल्का भारीपन या सूजन महसूस हो सकती है।
सिरदर्द या मिज़ाज में बदलाव: हार्मोन के उतार-चढ़ाव से कुछ महिलाएं चिड़चिड़ापन या सिरदर्द अनुभव करती हैं।
थकावट: हर दिन डॉक्टर के पास जाना, इंजेक्शन लेना और तनाव के कारण थकावट महसूस हो सकती है।
मानसिक दर्द और भावनात्मक असर
भले ही शारीरिक दर्द बहुत कम हो, लेकिन आईवीएफ की प्रक्रिया मानसिक रूप से थकाने वाली हो सकती है:
- बार-बार उम्मीद और निराशा के भाव
- हर रिपोर्ट का इंतज़ार
- सफल या असफल परिणाम का तनाव
- समाज या परिवार का दबाव
इसलिए:
मानसिक मज़बूती बहुत ज़रूरी होती है।
परिवार का साथ, काउंसलिंग और पॉज़िटिव सोच मददगार होती है।
क्या आईवीएफ हर महिला के लिए एक जैसा होता है?
नहीं। हर महिला की शारीरिक स्थिति, उम्र, स्वास्थ्य, और अंडाशय की क्षमता अलग होती है। इसलिए:
- किसी को प्रक्रिया बेहद सरल लग सकती है
- किसी को थोड़ा असहज महसूस हो सकता है
- लेकिन अधिकतर महिलाओं को गंभीर दर्द नहीं होता
दर्द को कैसे कम करें?
- डॉक्टर से खुलकर बात करें – हर लक्षण बताएं
- दवाएं समय पर लें
- ज्यादा तनाव न लें
- रोज़ाना हल्की-फुल्की सैर करें
- भरपूर नींद और पानी पिएं
- योग, प्राणायाम या ध्यान करें
आईवीएफ के बाद क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
आईवीएफ के बाद का समय बेहद नाज़ुक और महत्वपूर्ण होता है। इस समय शरीर के अंदर भ्रूण (embryo) महिला के गर्भाशय में इम्प्लांट हो रहा होता है। सफलता की संभावना इसी समय पर निर्भर करती है, इसलिए IVF प्रक्रिया के बाद कुछ ज़रूरी सावधानियाँ बरतना बहुत जरूरी होता है।
1. पूरा आराम लें, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा बेड रेस्ट नहीं
आईवीएफ के बाद महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि पूरी तरह बेड रेस्ट करेंगी तो प्रेगनेंसी टिकेगी। लेकिन ऐसा नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि IVF के बाद हल्का फुल्का चलना-फिरना सही होता है, लेकिन भारी काम, झुकना या ज़्यादा चलना नुकसानदेह हो सकता है। ज़रूरत हो तो 2-3 दिन का रेस्ट लें, लेकिन फिर धीरे-धीरे सामान्य दिनचर्या शुरू करें।
2. मानसिक शांति बनाए रखें
IVF का सफर भावनात्मक रूप से थका देने वाला हो सकता है। इस समय महिला को तनाव, डर और चिंता से बचना चाहिए। सकारात्मक सोच बनाए रखें, मेडिटेशन करें, हल्का म्यूजिक सुनें या किताबें पढ़ें। पति-पत्नी एक-दूसरे का साथ दें ताकि भावनात्मक मजबूती बनी रहे।
3. खान-पान में विशेष ध्यान दें
भोजन IVF के बाद शरीर को पोषण देने और भ्रूण को मजबूत करने में मदद करता है।
इन बातों का ध्यान रखें:
- प्रोटीन युक्त भोजन लें: दालें, पनीर, अंडा, सोया
- फल और हरी सब्जियाँ खाएं: विटामिन और फाइबर के लिए
- ज्यादा पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे
- जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, कैफीन, और तला-भुना भोजन पूरी तरह से टालें
- धूम्रपान और शराब पूरी तरह बंद करें
4. दवाइयाँ और इंजेक्शन डॉक्टर के निर्देश अनुसार लें
आईवीएफ के बाद हार्मोनल सपोर्ट के लिए कुछ दवाइयाँ और इंजेक्शन दिए जाते हैं, जैसे प्रोजेस्ट्रोन। इन्हें समय पर लेना बहुत जरूरी होता है। कोई भी दवा खुद से बंद न करें और न ही बदलें। अगर किसी दवा से रिएक्शन हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
5. यौन संबंध से परहेज़ करें
आईवीएफ ट्रांसफर के बाद कम से कम 10–14 दिनों तक यौन संबंध नहीं बनाने की सलाह दी जाती है। इससे गर्भाशय को आराम मिलता है और भ्रूण को सही से इम्प्लांट होने का समय मिलता है।
6. डॉक्टर के संपर्क में रहें
हर महिला का शरीर अलग होता है और हर IVF केस की जटिलता भी। इसलिए किसी भी हल्की-सी दिक्कत को नजरअंदाज न करें:
- पेट में ज्यादा दर्द
- भारी ब्लीडिंग
- बुखार या कमजोरी
ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई घरेलू उपाय न अपनाएं।
7. प्रेगनेंसी टेस्ट का समय आने तक धैर्य रखें
आईवीएफ के बाद महिलाओं में उत्सुकता बहुत होती है कि प्रेगनेंसी हुई या नहीं। लेकिन जल्दबाज़ी में घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करना नुकसानदेह हो सकता है। डॉक्टर द्वारा बताए गए 14 दिन बाद ही ब्लड टेस्ट (Beta hCG) कराएं, ताकि सही परिणाम मिले।
8. भारी शारीरिक गतिविधियों से बचें
IVF के बाद भारी उठाना, झुकना, तेज़ दौड़ना, या सीढ़ियाँ चढ़ना जैसी एक्टिविटी से परहेज़ करें। शरीर को जितना आराम मिलेगा, भ्रूण को इम्प्लांट होने में उतनी ही आसानी होगी।
9. गर्म पानी या हीटिंग पैड से बचें
कुछ महिलाएं पेट दर्द या ऐंठन में गर्म पानी की बोतल या हॉट वॉटर बैग इस्तेमाल करती हैं। IVF के बाद ऐसा करना भ्रूण के इम्प्लांटेशन में बाधा डाल सकता है। इसलिए IVF के बाद शरीर को बहुत गर्म करने से बचना चाहिए।
10. आत्मबल बनाए रखें – IVF एक प्रक्रिया है, चमत्कार नहीं
आईवीएफ प्रक्रिया सफल भी हो सकती है, और कभी-कभी असफल भी। इसलिए इस समय खुद पर दबाव न बनाएं। हर शरीर की प्रक्रिया अलग होती है, इसलिए तुलना न करें। सकारात्मक सोच, धैर्य और आत्मविश्वास IVF के सफर को आसान बनाते हैं।
आईवीएफ को कराने में कितना खर्चा आता है ?
अगर आपको इंफर्टिलिटी है और आईवीएफ कराने का सोच रहे हो तो इसका लागत जानना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. गर आपको आईवीएफ का रेट पहले से पता होगा तो आप आर्थिक रूप से तैयार रहेंगे। इससे आपको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इंसान के लिए किसी भी काम को करने में आर्थिक रूप से दिक्कत आती है लेकिन अगर हम इसकी पहले से तयारी रखेंगे तो ऐसा नहीं होगा। आईवीएफ में ऐसा इलाज है जो आपको आर्थिक रूप से दिक्कत नहीं दे सकता क्योंकि आप आईवीएफ की भुगतान किश्त भी ले सकते हैं। भारत में बहुत सारे अस्पताल या केंद्र का मुआजूद है कि किश्तों में भुगतान लेते हैं जैसे की “Select IVF”.
अगर आईवीएफ खर्चे का अनुमान लगाया जाए तो भारत में 1.5 से 2.5 लाख के बीच कराया जाता है. इस खर्चे को बहुत सारी चीजें प्रभावित करती हैं जैसे दवाओं का खर्चा, डॉक्टर की फीस, आईवीएफ सेंटर का पता, उसकी सफलता दर, आईवीएफ चक्र की संख्या, आदि। ये तो आम बात है मैं आपका स्वास्थ्य और केस है. जो कि खर्चो पर प्रभाव डाल सकता है.
भारत में IVF लागत का विवरण
परामर्श शुल्क: यह बांझ दंपतियों और प्रजनन विशेषज्ञ के बीच चर्चा है। भारत में परामर्श की औसत लागत ₹500 से ₹2000 के बीच है। हालाँकि, IVF से पहले आवश्यक परामर्शों की संख्या के आधार पर लागत बढ़ सकती है।
दवा शुल्क: IVF प्रक्रिया में अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए हार्मोनल दवाओं और भ्रूण स्थानांतरण के लिए गर्भाशय को तैयार करने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। इसलिए IVF के लिए आवश्यक दवाओं और खुराक की लागत प्रति चक्र लगभग ₹15000 से ₹60000 हो सकती है।
अंडा पुनर्प्राप्ति और भ्रूण निर्माण: अंडा पुनर्प्राप्ति अंडाशय से अंडे को निकालना है, और भ्रूण निर्माण एक प्रयोगशाला डिश में अंडे और शुक्राणु का संयोजन है जिससे भ्रूण बनता है। इस चरण की लागत लगभग 50000 से 100000 रुपये है।
भ्रूण स्थानांतरण: गर्भावस्था को विकसित करने के लिए भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। तो, इस कारक के लिए, 15000 से 30000 रुपये की आवश्यकता होती है, और यह वास्तविक लागत है।
पीजीडी (प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस) और (इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन): पीजीडी और आईसीएसआई दो अतिरिक्त प्रक्रियाएं हैं जो आनुवंशिक मुद्दों और पुरुष बांझपन जैसे मामलों में फायदेमंद हैं। यह कारक 50000 से 100000 के बीच होता है।
निम्नलिखित आपको भारत में IVF की लागत को समझने में मदद करता है:
भारत में IVF उपचार के प्रकार | भारत में IVF उपचार की लागत (INR) |
भारत में स्व-अंडे और शुक्राणु के साथ IVF की लागत | INR 1,50,000 |
भारत में ICSI के साथ IVF की लागत | INR 1,65,000-1,85,000 |
भारत में डोनर अंडे के साथ IVF की लागत | INR 2,06,000-3,00,000 |
भारत में डोनर शुक्राणु के साथ IVF की लागत | INR 2,10,000 |
भारत में लेजर असिस्टेड हैचिंग (LAH) के साथ IVF की लागत | INR 2,10,000-2,20,000 |
भारत में डोनर भ्रूण के साथ IVF की लागत | INR 2,05,000-3,00,000 |
भारत में PGD तकनीक के साथ IVF की लागत | INR 3,00,000 |
नीचे दी गई टेबल आपको आईवीएफ लागत के बारे में बताएगी:
आईवीएफ अलग स्थान पर | भारत के विभिन्न स्थानों में आईवीएफ की लागत |
दिल्ली में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
मुंबई में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹354000 |
बैंगलोर में आईवीएफ लागत | ₹155000 – ₹365000 |
उत्तर प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹138000 – ₹310000 |
उत्तराखंड में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
तेलंगाना में आईवीएफ लागत | ₹147000 – ₹310000 |
पंजाब में आईवीएफ लागत | ₹140900 – ₹310000 |
मध्य प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹150000 – ₹310000 |
ओडिशा में आईवीएफ लागत | ₹126000 – ₹310000 |
राजस्थान में आईवीएफ लागत | ₹154000 – ₹310000 |
झारखंड में आईवीएफ लागत | ₹142000 – ₹310000 |
बिहार में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
आंध्र प्रदेश में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
असम में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
गुजरात में आईवीएफ लागत | ₹130000 – ₹310000 |
भारत में IVF की सफलता दर
भारत में 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के लिए औसत IVF सफलता दर प्रति चक्र लगभग 50% से 65% है। बढ़ती उम्र के साथ सफलता दर कम होती जाती है। यह सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जोड़े की उम्र, खास तौर पर महिलाओं की, IVF की सफलता प्राप्त करने के लिए शामिल IVF प्रयासों की संख्या, उन्नत तकनीक और नवीनतम तकनीकों का उपयोग जो सफलता दर को बढ़ा सकते हैं, और प्रजनन डॉक्टरों या IVF विशेषज्ञों का अनुभव और विशेषज्ञता.
एक अच्छे फर्टिलिटी सेंटर को कैसे चुनें आईवीएफ के लिए?
हम समझते हैं कि आपके बांझपन उपचार के लिए सर्वोत्तम विकल्प का चयन करना कितना कठिन हो जाता है, लेकिन चिंता न करें, क्योंकि हमारे पास एक ऐसा उपाय है जो आपकी टेंशन को दूर कर देगा। हम आपको एक ऐसे सेंटर के बारे में बताएंगे जो कम दाम पर अच्छा आईवीएफ प्रदान करता है।
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- आईवीएफ सेंटर जिसका फोकस सिर्फ मरीज की सहायता करना है
- आईवीएफ सेंटर जिस में पढ़े-लिखे डॉक्टर हो
- बुनियादी ढांचा जो अधिकतम आराम और खुशी के लिए अच्छी तरह से बनाया गया हो
- आईवीएफ सेंटर जाहा स्टाफ मरीज का सम्मान करता हो
- शुरुआत से ही पूरी प्रक्रिया में आपकी सहायता करता हो
- आईवीएफ सेंटर जो एक्स्ट्रा चार्ज ना करे
तो आप जब भी आईवीएफ ले तो इन बत्तो का ध्यान दे। तो, हमसे +91-9899293903 पर संपर्क करें ईमेल आईडी: [email protected]
सेलेक्ट आईवीएफ (Select IVF) क्यों चुनें?
जब बात संतान सुख की हो, तो हर दंपति यही चाहता है कि वह एक ऐसे क्लिनिक का चयन करें जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हो, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उनका साथ दे। Select IVF एक ऐसा ही नाम है जिस पर हजारों परिवारों ने विश्वास किया है और अपनी खुशियों की नई शुरुआत की है।
Select IVF वर्षों से भारत और विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली फर्टिलिटी सेवाएं दे रहा है। यहां काम करने वाली डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम केवल मेडिकल एक्सपर्ट नहीं है, बल्कि वो लोग हैं जो मरीज की भावनाओं को समझते हैं और हर कदम पर उन्हें सहयोग देते हैं। चाहे पहली बार परामर्श हो या अंतिम एम्ब्रियो ट्रांसफर, यहां हर प्रक्रिया को अत्यधिक सावधानी और ईमानदारी से पूरा किया जाता है।
यहां की सबसे बड़ी ताकत है – व्यक्तिगत ट्रीटमेंट प्लान, मतलब हर मरीज की हालत, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इलाज तय किया जाता है। Select IVF में किसी एक ही फॉर्मूले से सभी मरीजों का इलाज नहीं होता, बल्कि यहां इलाज को पूरी तरह पर्सनलाइज किया जाता है।
तकनीकी रूप से भी यह क्लिनिक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां ICSI, IUI, Egg Donation, Embryo Freezing, PESA, TESA और Surrogacy जैसी सभी प्रमुख प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, सभी टेस्ट और स्कैनिंग सुविधाएं भी एक ही छत के नीचे मिल जाती हैं, जिससे मरीजों को अलग-अलग जगह भटकने की जरूरत नहीं पड़ती।
Select IVF की एक और खूबी है – पारदर्शिता। यहां किसी भी तरह की छिपी हुई फीस नहीं होती। हर खर्च और हर प्रक्रिया को पहले से समझाया जाता है ताकि मरीज मानसिक रूप से तैयार हो सके। यही कारण है कि यहां आने वाले मरीज केवल भारत से ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, यूएई, अमेरिका, नाइजीरिया और अफ्रीका जैसे कई देशों से भी आते हैं।
Select IVF सिर्फ एक फर्टिलिटी क्लिनिक नहीं, बल्कि एक भरोसा है, जो हर दंपति के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता है।
निष्कर्ष
आईवीएफ एक जटिल प्रक्रिया जरूर है, लेकिन यह बहुत अधिक दर्दनाक नहीं होती।
हर चरण को वैज्ञानिक तरीके से, दवाओं और एनेस्थीसिया के माध्यम से आरामदायक बनाया जाता है।
कई महिलाओं का अनुभव यही कहता है, “आईवीएफ से पहले डर लगता है, लेकिन जब प्रक्रिया शुरू होती है तो सब कुछ संभल जाता है।”
इसलिए अगर आप आईवीएफ करवाने की सोच रही हैं, तो घबराइए नहीं। डॉक्टर से खुलकर बात कीजिए, जानकारी लीजिए और भावनात्मक रूप से खुद को तैयार कीजिए।
FAQs: क्या आईवीएफ दर्दनाक होता है?
क्या आईवीएफ प्रक्रिया में बहुत ज्यादा दर्द होता है?
आईवीएफ प्रक्रिया में बहुत ज्यादा दर्द नहीं होता। इसमें कुछ चरण जैसे इंजेक्शन देना, अंडाणु निकालना और भ्रूण ट्रांसफर होते हैं। इंजेक्शन हल्का चुभ सकता है, अंडाणु निकालते समय बेहोशी दी जाती है जिससे दर्द महसूस नहीं होता, और भ्रूण ट्रांसफर एकदम दर्दरहित प्रक्रिया होती है। कुछ महिलाओं को हल्की ऐंठन या सूजन हो सकती है, लेकिन इसे सामान्य माना जाता है।
अंडाणु निकालने की प्रक्रिया कितनी दर्दनाक होती है?
अंडाणु निकालने की प्रक्रिया (एग रिट्रीवल) के दौरान महिला को हल्की बेहोशी (सेडेशन) दी जाती है, जिससे प्रक्रिया के समय कोई दर्द महसूस नहीं होता। प्रक्रिया के बाद हल्की पेट दर्द, ऐंठन या कमजोरी हो सकती है, जो 1-2 दिनों में ठीक हो जाती है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 15-20 मिनट की होती है और बहुत ही सुरक्षित मानी जाती है।
इंजेक्शन से क्या शरीर में कोई साइड इफेक्ट या दर्द होता है
आईवीएफ में दिए जाने वाले हार्मोनल इंजेक्शन से शरीर में कुछ बदलाव हो सकते हैं जैसे हल्की सूजन, पेट का भारीपन, मिज़ाज में बदलाव, सिरदर्द या चिड़चिड़ापन। लेकिन ये लक्षण अधिकतर हल्के होते हैं और हर महिला में नहीं होते। इंजेक्शन खुद में सामान्य टीके की तरह होता है, जिससे हल्की चुभन होती है, जिसे दर्द नहीं कहा जा सकता।
भ्रूण ट्रांसफर के दौरान कोई दर्द होता है क्या?
नहीं, भ्रूण ट्रांसफर पूरी तरह से दर्दरहित प्रक्रिया होती है। यह बिल्कुल वैसा होता है जैसा अल्ट्रासाउंड या पैप स्मीयर टेस्ट। इस प्रक्रिया में कोई कट, टांका या सुई नहीं लगती। बस एक पतली ट्यूब के ज़रिए भ्रूण को गर्भाशय में डाला जाता है। महिला को बिल्कुल भी दर्द महसूस नहीं होता और यह सिर्फ कुछ मिनटों में पूरा हो जाता है।
आईवीएफ के बाद कितने दिन तक दर्द रह सकता है?
आईवीएफ के बाद अधिकतर महिलाओं को कोई गंभीर दर्द नहीं होता। कभी-कभार हल्का पेट दर्द, सूजन या थकान महसूस हो सकती है, जो 1-2 दिन में सामान्य हो जाती है। अगर अंडाणु ज्यादा निकाले गए हों या ओवरी ओवरस्टिम्युलेट हो, तो थोड़ी अधिक असहजता हो सकती है, जिसके लिए डॉक्टर दवाइयाँ देते हैं। अगर दर्द बहुत ज्यादा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या आईवीएफ की प्रक्रिया मानसिक रूप से भी तकलीफदेह होती है?
हाँ, कई बार आईवीएफ की प्रक्रिया शारीरिक से ज्यादा मानसिक रूप से थकाने वाली हो सकती है। इंतजार, हार्मोनल बदलाव, हर बार की उम्मीद और फिर टेस्ट के नतीजे — ये सब महिला को तनाव दे सकते हैं। इसलिए इस प्रक्रिया में भावनात्मक समर्थन बहुत ज़रूरी है, पति, परिवार, और जरूरत पड़े तो काउंसलर की मदद ली जानी चाहिए।